हल्द्वानी (Haldwani) के रहने वाले हेम पाण्डे फिलहाल पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया (Australia) के किम्बरली इलाके के ब्रूम नाम के एक तटीय कस्बे के लोकप्रिय रेस्तरां मैट्सो’स में चीफ शेफ हैं.
हेम बताते हैं कि हाईस्कूल में फेल होने के कारण उन्होंने आगे की पढ़ाई छोड़कर हल्द्वानी में अपने घर के नज़दीक हाल ही में शुरू हुए वुडपेकर रेस्तरां में रसोइये से लेकर वेटर तक का कार्य किया. अल्मोड़ा के गणानाथ के नज़दीक जैंगण गाँव के मूल निवासी हेम के पिता श्री नन्दा बल्लभ पाण्डे जी की हल्द्वानी की टेढ़ी पुलिया में चाय की दुकान हुआ करती थी (वे आज भी इस दूकान को चलाते हैं). यह समय हेम ने अपने जीवन की दिशा को काबू में लाने में भी इस्तेमाल किया और अगले दो-तीन सालों में इंटर की पढ़ाई पूरी कर ली. यहाँ से वे चंडीगढ़ पहुंचे और उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया. मेहनती हेम ने तीन सौ बच्चों के अपने बैच में पहला स्थान प्राप्त किया.
उनकी प्रतिभा को देखते हुए एक फाइव-स्टार होटल ने उन्हें अपने यहाँ नौकरी पर रख लिया. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. कुछ साल बंगलौर में काम करने के बाद वे फिलीपींस चले गए. और फिर फिलीपींस से ऑस्ट्रेलिया. आज उनके पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता भी है.
किसी मेहनती नौजवान की सफलता की ऐसी अनगिनत कहानियों से हमारा वास्ता गाहे-बगाहे पड़ता रहता है. आप पूछ सकते हैं कि हेम की कहानी में ऐसा नया क्या है!
एक शेफ के तौर पर हेम की विशेषज्ञता चाइनीज़ और कॉन्टिनेंटल भोजन में है. फिलीपींस जाने से पहले वे कुछ समय हल्द्वानी में रहे थे. इस दौरान उन्होंने ‘डुक’ नाम से नैनीताल रोड पर चाइनीज़ फ़ूड के दो ठेले स्थापित किये. आज इन ठेलों को उनके चाचा संचालित करते हैं और हल्द्वानी के स्ट्रीट फ़ूड के प्रेमियों के बीच ये ठेले भीषण लोकप्रिय हैं. उस ठेले में बनने वाले बर्गर को लेकर हेम चुनौती देकर कहते हैं कि उनकी टक्कर का बर्गर मैकडोनाल्ड्स में भी नहीं मिल सकता.
एक उम्दा शेफ के अन्दर पाककला में कुशल होने के अलावा ऊंचे दर्जे की कल्पनाशीलता होनी चाहिए. हेम के अन्दर वह भरपूर है.
भट का जौला नहीं टर्टलबीन्स रिसोटो कहिये जनाब!
ऑस्ट्रेलिया के अपने रेस्तरां के मेन्यू में हेम ने उत्तराखंड के लोकप्रिय भोजन भट के जौले को भी जगह दी है. हेम कहते हैं कि यह व्यंजन विदेशियों को बहुत पसंद आता है. हेम इस भट के जौले को बड़ा एक्ज़ोटिक नाम दे चुके हैं – टर्टलबीन रिसोटो.
व्यंजन को इटैलियन स्पर्श देने के लिए वे इसमें सामान्य चावल की जगह इटली का आर्बोरियल राईस इस्तेमाल करते हैं. गार्निशिंग करने के लिए हल्दी और नीबू में सने मूली के जूलियंस, धनिये, पुदीने और स्थानीय फूलों का प्रयोग होता है. एक प्लेट की कीमत होती है अट्ठाईस डॉलर.
“हमारे पहाड़ का परम्परागत खाना अपनी पौष्टिकता और पाचकता के चलते दुनिया के सबसे सुरक्षित और बेहतरीन भोजनों में गिना जा सकता है.” हेम कहते हैं.
वे अपने रेस्तरां में गट्टे की सब्जी भी बनाते हैं. प्रयोग के तौर पर वे इसे कूरो प्रौन्स के साथ परोसते हैं.
हेम हर साल दो से तीन माह के लिए अपने माता-पिता को ऑस्ट्रेलिया में अपने घर बुलाते हैं जहाँ वे अपनी पत्नी टॉन टॉन, जो नागालैंड की मूलनिवासिनी हैं, और अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं.
अपने इलाके और अपने जन से गहरा प्रेम रखने वाले हेम ने उत्तराखण्ड के पारम्परिक और भदेस माने जाने वाले भोजन को अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म मुहैय्या कराया है. बेहद साधारण सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखने वाले हेम ने अपनी मेहनत और अनुशासन के बल पर जो कुछ कर दिखाया है उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाय कम होगी.
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21 Comments
Anonymous
Happy to hear this story of Hem Pandey.
Anonymous
We are proud of you, my nephew stays in Ashley, will tell him to visit you.
Lalit
Nice story and good to hear that you are keeping Uttrakhand food alive in Australia.
Anonymous
हमार पहाड़ क नानतिन कां कां नि पुज रंई। आब रिसोटो बणूण क बाद गहत के डम्पलिंग्स लै खवै
दियौ आस्ट्रेलिया में।
सविता
हमार पहाड़ क नानतिन कां कां नि पुज रंई। आब रिसोटो बणूण क बाद गहत के डम्पलिंग्स लै खवै
दियौ आस्ट्रेलिया में।
Anonymous
पांडे ज्यु ,तुमर कहानी पढ़ बेर बहुत ते भल लागो, हम लोगन मैं आत्म विश्वास भारी कमी छू, पर तुमल ते यो सिद्ध कर हाली,मेहनती आदिम कुछ ले कर सकंनी, तुमर ईज बाबू केँ ले बहुत बहुत बधाई।
Anonymous
के कु हो अब पांडेय जु तुमल तो औट्रेलिया जे बेर इनु गु भटक जौ ले खावे दे भट का बे मगई।
Anonymous
great great inspiring essage for all and specially for Uttrakhandies.
God Almighty bless Her and his family.
Anonymous
Bahut khoob
Anonymous
Great work Hem ji,keep it up ,proud of you.
Chandrakant Joshi
Great work Hem ji,keep it up ,proud of you.
Anonymous
Proud of you hem da.
Anonymous
हेम दाज्यू, आपने मेहनत,लगन,निष्ठा पूर्वक उत्तराखंड का नाम रोशन किया,आपको बधाई, आपके इस सफलतम प्रयास से निश्चय ही उत्तराखंड के नौजवानों को प्रेरणा मिलेगी।
Devashish joshi
Nice @ encouraging one keep it up
Anonymous
Well he must be having an e-mail address.
Please have that too.
Anonymous
अपनी विशेषताओं को पहचान ना और कार्य रूप में परिणत करना , विरले लोग ही जानते हैं, आप उनमें से एक हैं।
Anonymous
Every thing is possible if required effort is made in right direction
Anonymous
Very nice massab keep it up. Kya baat hai very good…
Anonymous
Berojgar & nikammepan se grasit bandhuon ko Hem pande se sabak lena chahiye.
गिरीश चन्द्र जोशी
हम पान्डे ज्यू हमर तरफ बै बधाइ छू।
आपूं हुनर और पहाड याद बड़ें रखना लिजि आभार।
Ravindra Pandey
Dear Hem
We are very proud of you. I was born in Takula. Not very far from the place you were born. My father’s name was Leeladhar pandey. We had our own orchard named as Gautampyra Bageecha.
I moved to United States in 1980, and now live in Buffalo, NY.
I suggest you to consider the followings in you menu
Rus …can be served as Soup.
Chlkani
Mungori
Bari
Ravi Pandey