Featured

देहरादून की जनता ने अपने पेड़ों को बचाने की एक और लड़ाई जीती

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते रविवार करीब हजार लोग जनगीत गाते हुए सड़कों पर थे. करीब दो किमी की अपनी पदयात्रा में शामिल को हाथों में तख्ती लिये थे. किसी तख्ती में अंग्रेजी में लिखा था Dumb and green at 30 degrees was better than smart and stink… तो किसी में हिन्दी में लिखा था ‘पेड़ बचाओ कंक्रीट हटाओ’. देहरादून में रहने वाले बच्चे, युवा, छात्र और बुजुर्ग आदि सड़कों द्वारा किया जा रहा यह प्रदर्शन विकास के नाम पर काटे जा रहे बेतहाशा पेड़ों के विरोध में था.
(Green Politics Uttarakhand Dehradun)

दिलाराम चौक से लेकर हाथीबड़कला चौकी तक लोग इस पद यात्रा में शामिल हुए. इस पदयात्रा का लाभ यह हुआ कि दिलाराम बाजार से मुख्यमंत्री आवास तक न्यू कैंट रोड पर करीब दो सौ पेड़ सड़क को चौड़ा करने के लिए काटे जाने वाले 240 पेड़ों का सरकारी फरमान अब वापस ले लिया गया है.

हाल के दिनों में यह दूसरी बार है जब अपने पेड़ों के लिये देहरादून के लोग सड़कों पर उतरे हैं. इससे पहले देहरादून के स्थानीय लोगों खलंगा के पेड़ों के लिये लड़ाई लड़ी. यहां भी सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा.

वरिष्ठ पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. रवि चोपड़ा के अनुसार सरकार ने जन-दबाव में खलंगा और न्यू कैंट रोड पर पेड़ काटने के फैसले को वापस लिया है लेकिन, अभी विकास कार्यों के नाम पर कई हजार पेड़ कटने की लाइन में हैं. इसलिए, देहरादून की हरियाली को बचाने के लिए अभी एकजुट होकर लंबी लड़ाई लड़े जाने की जरूरत है.
(Green Politics Uttarakhand Dehradun)

टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की रिपोर्ट में सिटीजन्स ऑफ़ ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि तथाकथित विकास परियोजनाओ के नाम पर अभी भी देहरादून में 40000 पेड़ काटे जाएं प्रस्तावित हैं,जबकि 20,000 पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं. देहरादून अब इस तरह का विकास नहीं चाहता. 

पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण बचाने के लिये राज्य की राजधानी की सड़कों पर इतनी भारी संख्या में लोग शायद ही किसी अन्य राज्य में उतरे होंगे. उम्मीद है कि यह पदयात्रा उत्तराखंड के अन्य हिस्सों के लिए भी यह एक सबक बनेगी और राज्य से देशभर में हरित राजनीति की नई शुरुआत होगी.

यहाँ देखिये इस पदयात्रा की कुछ तस्वीरें : (सभी तस्वीरें सोशियल मीडिया से साभार ली गयी हैं)
(Green Politics Uttarakhand Dehradun)  

काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • इन हजारों पर्यावरण प्रेमियों को नमन है ।

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

1 day ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

1 week ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago