उत्तराखण्ड के दोनों अंचलों कुमाऊं और गढ़वाल में भादो महीने की संक्रान्ति को घ्यूं त्यार मनाया जाता है. कुमाऊं के कुछ इलाकों और गढ़वाल में इसे घी संक्रान्त कहते हैं. इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जिनमें पूड़ी, उड़द की दाल की पूरी व रोटी, बड़ा, पुए, मूला-लौकी-पिनालू के गाबों की सब्जी, ककड़ी का रायता, खीर आदि बनाए जाते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन पकवानों के साथ घर का बना हुआ शुद्ध घी का सेवन अनिवार्य तौर पर किया जाता है. जो लोग साल भर कभी भी घी का सेवन नहीं करते हैं, वे भी घ्यूं त्यार के दिन एक चम्मच घी अवश्य खाते हैं. कुमाऊं के पिथौरागढ़ व चम्पावत जिलों व बागेश्वर जिले के कुछ क्षेत्रों में यह त्योहार दो दिन का मनाया जाता है.
सावन महीने के मासान्त को जहॉ कुछ पकवान बनाए जाते हैं, वहीं संक्रान्ति के दिन पकवानों के साथ ही चावल की गाढ़ी बकली खीर भी बनाई जाती है जिसमें पकने के बाद खूब घी डाला जाता है. दूसरी जगहों में यह त्योहार केवल संक्रान्ति के दिन ही मनाया जाता है. घ्यूं त्यार को दिन की बजाय शाम को ही मनाते हैं.
यह भी पुरानी मान्यता है कि जो इस दिन घी नहीं खाता वह अगले जन्म में गनैल (घोंघा) बनता है जिसका जीवन कुछ ही दिनों का होता है. यह मान्यता क्यों है? इस बारे में कोई स्पष्ट मत नहीं है. पर घर के शुद्ध घी की तरावट व ताजगी वाला यह लोकपर्व घी खाए जाने की अनिवार्यता के कारण अपनी एक विशिष्ट पहचान तो रखता ही है. इस साल 17 अगस्त 2019 को भादो महीने की संक्रान्ति के दिन इस त्यौहार को मनाया जायेगा. इस मौके पर लोग एक दूसरे को इस कामना के साथ शुभकामनाएं भी देते हैं कि खूब घी खाएँ और साल भर शरीर में तरावट के साथ ताजगी का आनन्द लें.
जगमोहन रौतेला
जगमोहन रौतेला वरिष्ठ पत्रकार हैं और हल्द्वानी में रहते हैं.
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3 Comments
Gopu Bisht
मसांति क दिन ब्याल बख़्त और संक्रांति दिन राते घ्यू त्यार मनाई जाँछ। घी संक्रांत केँ ‘ओगली संक्रांत’ संक्रांत क नाम ले जानी जाँछ।
यो मान्यता छ कि ये दिन चेली क सौरास वाल वीक मैत(माईका) वालन कें ओग(भेंट) दिन हीं उनी जै में घ्यू, क़्याल, पकवान, मूल, गाब आदि हुन्छ जो चेली मैत क पुर परिवार केँ देई जाँछ।
और दुसार तरफ हरिजन वर्ग ले ठाकुर वर्ग केँ आपण हाथ ल बनाई औजार, स्यूड़, दाथुल, कुट्योल, सगड़ आदि दिनान जैक बदल में ठाकुर समाज अंनाज या डबल दीनान उननकें। यो हमर समाज के भाईचारा छ।
Ramesh Rawat
Bahut Sunder hai ji
Muhammad Haseeb
Itni Jankari k liye shukriya