बीते हुए कल के अमर उजाला अख़बार में ख़बर छपती है कि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में एक महिला माइनस 3 डिग्री तापमान में खेत में बच्चे को जन्म देती है. यह खबर बिना किसी चर्चा और सवाल जवाब के यूं ही उड़ जाती है. (Pithoragarh News)
आज के हिन्दुस्तान में एक्सक्लूसिव खबर यह है कि पिथौरागढ़ में चार सरकारी अस्पताल बंद होंगे. इस ख़बर के साथ लगी टिप्पणी में पिथौरागढ़ सीएमओ उषा गुंज्याल का बयान है कि
निदेशालय के निर्देश के बाद प्रस्ताव तैयार किया गया है. जिसके तहत पिथौरागढ़ में चार अस्पताल बंद होने हैं. महिला अस्पताल का जिला अस्पताल में विलय किया जाएगा.
इन दोनों खबरों को साथ में पढ़कर समझा जा सकता है कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हालत क्या है और सरकार किस ओर कदम उठा रही है.
दरसल पिथौरागढ़ में सरकारी अस्पताल में लम्बे समय से चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं. यदि सरकार इन अस्पतालों को बंद कर देती है तो जिले के अस्पतालों में 20 चिकित्सक और 75 फार्मिस्टों के पद स्वतः समाप्त हो जायेंगे.
राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के हालत से सभी परिचित हैं ऐसे में सरकार की सलाह पर तैयार इस प्रस्ताव से ग्रामीण क्षेत्रों एमें स्वास्थ्य सुविधा दे रहे सचल वाहन भी बंद किये जा रहे हैं.
हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार बंद होने वाले चार अस्पताल में जिला क्षय अस्पताल, पुलिसलाइन स्थित पीएचसी, थल और बेरीनाग के एक-एक अस्पताल शामिल हैं. (Pithoragarh News)
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