एक भै लाट. एक बखत उ आपण सैंणी कैं बुलूण हैं सौरास हैं बटी रौछ्यू. जाण बखत वीलि इज छैं पूछ — इजौ मै सौरास जाबेर के खून? इजलि कै तू खीचड़ी भलि माननेर भये खीचड़ी खाये. लाटलि कै — पैं मैं खीचड़ी कून भूलि जून. इज — तू खीचड़ी कून-कून जाये.
(Folk Story in Kumaoni)
ठीक भै पैं लाट खीचड़ी कून कूनै बाट ल्हैगै. थ्वाड़ दूर पूजण में उ खीचड़ी जाग में खाचड़ी-खाचड़ी कूण फैगै. जाते-जाते एक गौ में एक सैंणील ग्यूं घाम हाली भा. उनन खाणक लिजी चाड़ सरासर वूनै. उ स्याणी ह्वा-ह्वा कै चाड़न हकूनै. लाटाक खाचड़ी-खाचड़ी कूण में उ स्याणी कैं रीस आगै. वील लाट कैं मौक्या कै म्यार यां चाड़न ख्यतन-ख्यतन बीटौव हरयी तू खाचड़ी-खाचड़ी कूण में लागि रौछै. आब तस कौलै तू म्यार हाथ हा मार खालै. लाटलि डरन-डरनै कै पैं मैं के कून? स्याणील कै तू ह्वा चड़ि-ह्वा चड़ि कून कूनै जा. आब लाट ह्वा चड़ि -ह्वा चड़ि कून-कूनै ल्हैगै.
आघिल बाटपन एक शिकारी जाल ल्हीबेर चाड़न माणाक तैयारी कनै. जसै चाड़ उ ला वूंछी ह्वा चड़ि-ह्वा चड़ि कूनै लाट पूजि गै. ह्वा सुणिबेर चाड़ भाजि गा. उ कैं देखि बेर शिकारी कैं रीस आगै. वील एक थप्पड़ लाट कैं लगै दी. लाटलि डाड़ मान-मानै कै – पै मैं के कून आब? शिकारी कै तू भल हरौ-भल हरौ कूनै जाये. लाट आब भल हरौ-भल हरौ कून-कूनै ल्हैगै.
आघिल एक गौ में एक मैस मरी भै. लाट भल हरौ-भल हरौ कून कूनै जनै. यस सुणिबेर गौं वालन रीस आगै उनन कै – हमन इतण दुख आरौ तू भल हरौ-भल हरौ कनाछै. लाटलि हाथ जोड़िबेर कै पैं आब मै के कून? उननि कै तू यस कभै झन हो-यस कभै झन हो यस कून कूनै जा. लाट तसै कून कूनै ल्हैगै.
आघिल एक गौ में एककि बर्यात जनै. लाटाक तस कूण में उनन रीस आगै. उननि लाट कैं द्वि थप्पड लगै और कै हमार भल काम हरौ तू साल तदुक गलत बुलानाछै. तू सीद्दै चुपचाप जनै रौ जां त्वील जाण छै. लाट आब चुपचाप कै ल्हैगै. ब्याल हैं सौरास पूजि गै. जे सौरासीन पका वी लाटलि लै खा.
(Folk Story in Kumaoni)
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दूसार दिन रतै हैं सैंणील कैं बुला लागै. सैंणी कैं मैतक नीसास लागी भै. एक जाग ला उं सुस्ताणाक लिजी बैठि गा. सैंणी कै निसास लागी भै वीक नाक बटी सीकाण और आंखन बटी आंस वूनै. उ कैं देखिबेर लाटलि सोच सैत येक बरमान फूटि गो, किलैकि ख्वार बटी पाणि वूण फै गो. उधली एक मैस एक बल्द ल्ही जनै. लाटलि कै तुम मेरि सैंणीक बुदव में त बल्द मै कैं दी दीओ. उ मैसलि खुशि हुनै सैंणी क बदल में बल्द दे दी. आब लाट बल्द ल्हीबेर वूनै रै. बाट पन एक ठौर बल्दलि पीसाब करै. लाटलि सोच य बल्दाक पेट में छेद हैगो सैत. उतीपन एक मैस साफोवलि ढुंग फोड़नै, लाटलि उ छैं कै य बल्दाक बदल में मै कै त साफव दी दिओ. उ मैसलि खुशिलि उसै कर. लाट साफव कान में धरिबेर आगै.
घामलि साफव गरम होते गो. लाटलि ठार सैत साफव कैं बुखार आगो. उतीपन एक मैस आपण दगड़ू कैं खाप भितेर द्वि आङू खीतिबेर सीटी माण सीखूनै. लाट हौसिल उ कैं चाई भै. लाटलि उ छैं कै य साफव क बदल में तुम मैकैं सीटी माण सीखै दिओ. उ मैसलि लाट कैं द्वि मिनट में सीटी मारण सीखै दी. लाट आब सीटी मारन-मारनै घर हैं आगै. गौ में पूजिबेर उ पाणि पीणाक लिजी नौवून गै. वां पाणि पीण में लाट सीटी मारण भूलि गै. लाट घर ल्हैगै.
घर पूजिबेर बौज्यून पुछ — हं रे ब्वारी कां छै? लाटलि कै बौज्यू-बौज्यू मैं सौरास बटी ब्वारी है लै कीमती चीज ला रैयी. पैं नौव में पाणि पीण में वां भूलि गयी. बौज्यून कै हिट पैं नौवून ढूढनू उ कै. तस्याल, फड़ू, बील्चै पकड़ द्विवै बाब-च्याल नौव ल्हैगा. वां जाबेर नौवक सारै पाणी कैं खाली कर. जब सारै पाणी खाली करि बेर लै के न मिल. बाब कैं लै पटै लागी गै. उ पटै बीसूणक लिजी नौवाक दीवाल में बैठि बेर खापलि सूई… (सीटी माण जस) कर. बाबुक सुई… कण देखि लाट खुशि हैबेर औतरण फैगै. कनै — होय बौज्यू तै छै, तै छै. सुणिबेर बौज्यू बिहोश हुणी हैगै.
(Folk Story in Kumaoni)
सेवानिवृत्त शिक्षक खुशाल सिंह खनी ग्राम-नैनी (जागेश्वर) अल्मोड़ा के रहने वाले हैं. हिन्दी बाल कहानी संग्रह ‘मछली जल की रानी है’ और कुमाऊनी कहानी संग्रह ‘त्यर बुलाण’ प्रकाशित हो चुके हैं. कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैं.
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