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एक कहानी ये भी – मीनाकुमारी और धर्मेन्द्र

बहुत से लोग आज इस बात को यक़ीन से कहते हैं कि धर्मेन्द्र ने अपना करियर बनाने के लिए मीनाकुमारी का इस्तेमाल लिया. उस समय मीनाकुमारी अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थीं. शायद असल कहानी तो कभी बाहर आएगी नहीं लेकिन सच्चाई यह है कि धर्मेन्द्र के आगमन के २-३ सालों में कमाल अमरोही और मीनाकुमारी का अन्यथा प्रसन्न रहा दाम्पत्य गुलाटी खा गया और हालत यहाँ तक आई कि १९५४ में कमाल ने ‘पाकीज़ा’ की शूटिंग तक बंद करवा दी.

इसके बाद भी धर्मेन्द्र ने मीनाकुमारी से अपनी नजदीकियां कम नहीं कीं – उन्हें अपना करियर बनाना था. ‘काजल’ फ़िल्म की सफलता इस तथ्य को प्रमाणित करती है. नायक के रूप में धर्मेन्द्र की पहली सुपरहिट थी ‘फूल और पत्थर’- यह भी मीनाकुमारी की मेहरबानी थी क्योंकि धर्मेन्द्र की उपस्थिति के कारण ही मीनाकुमारी ने इस फ़िल्म में काम करने की सहमति दी थी.

एक बार धर्मेन्द्र स्टार बन गए तो सारा कुछ बदल गया. अब धर्मेन्द्र दूसरे ठिकानों की तरफ निकल पड़े और मीनाकुमारी को अपने तिरस्कृत किये जाने का दुखद अहसास हुआ. यहीं से मीनाकुमारी के जीवन में शराब की घातक एंट्री हुई जो अंततः उनका जीवन लील गयी.

लेकिन इन सारे सालों में मीनाकुमारी ने कमाल अमरोही को प्रेम करना बंद नहीं किया. इसी वजह से जब उन्हें अहसास हुआ कि ख़राब स्वास्थ्य के चलते अब उनका लम्बे समय तक जीना मुश्किल है, उन्होंने ‘पाकीज़ा’ की शूटिंग के लिए हामी भर दी. मीनाकुमारी को पता था कि वह फ़िल्म कमाल अमरोही के जीवन का सबसे बड़ा सपना था जिसे पूरा करने को वे बेचैन थे. ‘पाकीज़ा’ की शूटिंग इस बार बगैर धर्मेन्द्र के शुरू हुई – उनके बदले राजकुमार को ले लिया गया था. यह एक तरह से वरदान ही सिद्ध हुआ क्योंकि धर्मेन्द्र की अभिनय क्षमता के बारे में जितना कम कहा जाए उतना अच्छा. सलीम का किरदार जिस तरह राजकुमार के माध्यम से जीवंत हुआ, धर्मेन्द्र शायद उसका सौवां हिस्सा भी न दे पाते. फ़िल्म में मीनाकुमारी और राजकुमार दोनों का काम शानदार है.

‘पाकीज़ा’ जब तक रिलीज़ हुई, मीनाकुमारी के लिए सब ख़त्म हो चुका था. रिलीज़ के कुछ ही हफ़्तों बाद उनकी मौत हो गयी – एक निहायत अकेली और शर्मसार कर देने वाली मौत. मीनाकुमारी के अंतिम यातनाभरे दिनों में धर्मेन्द्र उनके आसपास फटके तक नहीं.

उन दिनों में मीनाकुमारी ने एक बार अभिनेता प्रदीप कुमार से कहा था कि अल्लाह उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा जिन्होंने उसका घर उजाड़ कर रख दिया.

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