Featured

कहानी डाकू हसीना की

यह कोई कहानी नहीं पिछले साल जून के महीने घटी सच्ची घटना है. पिछले वर्ष पंजाब में 8.48 करोड़ की चोरी होती है. घटना के 60 घंटे बाद पुलिस से वारदात से जुड़े 5 अपराधियों को पकड़ लिया अब बारी थी मास्टर माइंड कही जा रही डाकू हसीना को पकड़ने की.
(Daku Hasina Punjab)

पुलिस को खबर मिल चुकी थी डाकू हसीना अपने पति के साथ नेपाल भागने की फिराक में है. पुलिस के पास यह भी इनपुट आ चुका था कि नेपाल जाने से पहले डाकू हसीना हेमकुंड साहिब, केदारनाथ आदि तीर्थ स्थलों की यात्रा पर जाने वाली है. डाकू हसीना को यकीन था कि तीर्थों में लगने वाली भीड़ के बीच पुलिस का उस तक पहुंचना नामुमकिन है.

पंजाब पुलिस के लिये बड़ी मुश्किल थी कि वह कैसे तीर्थों में लगने वाली इस भीड़ में डाकू हसीना को पकड़े. डाकू हसीना को पकड़ने के लिये पुलिस ने चलाया आपरेशन ‘कैच द क्वीन बी’. यहां पंजाब पुलिस ने अपना दिमाग लड़ाया और एक शानदार योजना बनाई.
(Daku Hasina Punjab)

योजना के तहत पंजाब पुलिस के सिपाही बिना वर्दी के हेमकुंड साहिब से कुछ दूरी पर तीर्थ मार्ग के रास्ते पर खड़े हो गये. यहां उन्होंने यात्रा मार्ग पर आने वाले सभी यात्रियों को 10 रूपये फ्रूटी मुफ्त में बांटना शुरू किया. यात्री रूककर फ्रूटी लेते आस-पास खड़े पंजाब पुलिस के सिपाही चेहरे की पहचान कर लेते.

पंजाब पुलिस की यह योजना काम आई. डाकू हसीना अपने पति के साथ आई और उसने फ्रूटी ली. इस दौरान पुलिस ने उसकी पहचान भी कर ली. पुलिस ने डाकू हसीना को सीधा नहीं धर-दबोचा. पंजाब पुलिस ने डाकू हसीना और उसके पति का पीछा किया और जब वह हेमकुंड साहिब के दर्शन कर निकले तो दोनों को पकड़ लिया.

उत्तराखंड के चमोली जिले में घटी इस घटना ने पूरे देश की मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जिसमें 8.49 करोड़ रूपये की डकैती की मास्टरमाइंड डाकू हसीना मुफ्त में बंटने वाली फ्रूटी के जाल में फंस पुलिस के हत्थे चढ़ गयी. डाकू हसीना नाम से मशहूर इस महिला का असल नाम मनदीप कौर है. इस डकैती में दस लोग शामिल थे जिन्होंने 9 जून 2023 की रात लूट की घटना को अंजाम दिया.
(Daku Hasina Punjab)               

-काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • पूरा नहीं पड़ता लालची इंसान का ।

Recent Posts

असोज की घसियारी व घास की किस्में

पहाड़ के लोगों का पहाड़ सा जीवन महीना असोज के लगते ही हिमालय के तलहटी…

6 days ago

ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी

 ब्रह्माण्ड अनेक रहस्यों से भरा है. इनके बारे में जानने के लिए उत्सुकता लगातार बनी…

1 week ago

परम्परागत घराट उद्योग

वस्तुतः घराट को परम्परागत जल प्रबंधन, लोक विज्ञान और गांव-समाज की सामुदायिकता का अनुपम उदाहरण…

1 week ago

‘गया’ का दान ऐसे गया

साल 1846 ईसवी. अवध के कैंसर से जूझते नवाब अमजद अली शाह अपने अंतिम दिन…

2 weeks ago

कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी

इस पहाड़ से निकल उस पहाड़कभी गुमसुम सी कभी दहाड़यूं गिरते-उठते, चलते मिल समंदर से…

2 weeks ago

यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

मुनस्यारी में एक छोटा सा गांव है सुरिंग. गांव से कुछ तीन किलोमीटर की खड़ी…

2 weeks ago