कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के सिंगल्स फाइनल में भारत के बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का मुकाबला मलेशिया के त्जे यंग से था. मलेशिया के त्जे यंग ने सबको अचंभित करते हुये लक्ष्य सेन को पहला सेट हरा दिया. दूसरे सेट में भी त्जे यंग पहले से ही हावी रहे लेकिन लक्ष्य सेन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल कर यह सेट अपने नाम किया.
(Commonwealth Games 2022 Lakshya Sen)
तीसरे सेट का पहला पॉइंट मलेशिया के त्जे यंग के नाम रहा. सेट के शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ. लक्ष्य सेन ने धीरे-धीरे मुकाबले में अपनी पकड़ मजबूत की. इस सेट में कई शानदार रैली हुई जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने शानदार स्किल्स दिखाई पर अंत में लक्ष्य सेन ने 16-21 से तीसरा सेट जीत मुकाबला अपने नाम किया और कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में एक और गोल्ड मेडल भारत की झोली में किया.
लक्ष्य सेन मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की सोमेश्वर तहसील के रस्यारा गाँव के हैं. अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में स्थित उनके घर में बना बैडमिन्टन का कोर्ट लक्ष्य सेन के दादाजी द्वारा ने ही बनाया. इसी बैडमिन्टन कोर्ट में दिन-रात मेहनत कर लक्ष्य सेन ने आज यह मुकाम हासिल किया है.
(Commonwealth Games 2022 Lakshya Sen)
लक्ष्य सेन ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय ख़िताब 10 साल की उम्र में सिंगापुर इंटरनेशनल 2011, अंडर 11 जीता था. लक्ष्य सेन के नाम अनेक बड़े कारनामे रहे हैं जिनके चलते अल्मोड़ा जैसे छोटे से नगर अक्सर राष्ट्रीय सुर्ख़ियों में बना रहता है. आठ बरस की उम्र में ही लक्ष्य सेन की प्रतिभा को बेडमिन्टन लेजेन्ड प्रकाश पादुकोण ने पहचान लिया था. लक्ष्य सेन, प्रकाश पादुकोण के सबसे प्रिय शिष्यों में हैं.
लक्ष्य सेन के पिता धीरेन्द्र सेन और दादाजी चन्द्रलाल सेन दोनों ही ख्याति प्राप्त बैडमिन्टन खिलाड़ी रह चुके हैं. चन्द्रलाल सेन के विषय में एक लम्बा आलेख यहां पढ़िये: चन्द्रलाल सेन जिनके पोते आज विश्व चैम्पियन हैं.
(Commonwealth Games 2022 Lakshya Sen)
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1 Comments
Jasveer
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