बरसात में पहाड़ और भी खुबसूरत हो जाते हैं और चटख हरे रंग के जगंलों से सजी उनकी खुबसूरती में चार चांद लगा देते हैं बरसाती झरने. झरने के लिये कुमाऊनी में प्रयोग किया गया शब्द छीड़ है. ऊंचे पहाड़ से गिरने वाले पानी को छीड़ कहा जाता है.
(Chhid Waterfalls in Uttarakhand)
छीड़ दो किस्म के होते हैं. एक जो साल भर बहते हैं दूसरे जो केवल बरसात के दौरान फूटते हैं. साल भर बहने वाले छीड़ में बरसात के समय खूब पानी होता है. छीड़ का पानी गाड़ गधेरों से होता हुआ किसी बड़ी नदी में मिल जाता है.
मध्य हिमालय में बरसात के दौरान लगभग हर दो एक किमी में इस तरह के छीड़ देखे जा सकते हैं. इस तरह के छीड़ सबसे ज्यादा बांज के जंगलों में देखे जा सकते हैं. जंगल में पानी के विभिन्न स्त्रोतों से इकठ्ठा होकर जब एक ऊँचाई से गिरता है तो यही छीड़ कहलाता है.
(Chhid Waterfalls in Uttarakhand)
इन दिनों पहाड़ में सैकड़ों छीड़ देखे जा सकते हैं. इनको स्थानीय लोग वहां के मौसम, विशेष आकृति, स्थानीय देवता, स्थानीय जंगल आदि के आधार पर नाम देते हैं. इन दिनों ऐसे सैकड़ों छीड़ पहाड़ों में देखे जा सकते हैं. उत्तराखंड के कुछ छीड़ों की तस्वीरें देखिये :
(Chhid Waterfalls in Uttarakhand)
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