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स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध

ओ भीना कसी के जानू द्वारहाटा, हिट साई कौतिक जानू द्वारहाटा... उत्तराखण्ड के रहने वाले लोगों ने और ख़ासकर अल्मोड़ा…

2 weeks ago

कहानी: सूरज के डूबने से पहले

-धर्मपाल सिंह रावत "जरा सांस ले ले. बस थोडा और रह गया है, आ गई तैल्या की धार, वहाँ  टावर…

3 weeks ago

कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है

कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि…

3 weeks ago

कहानी: कलकत्ते में एक रात

-आचार्य चतुरसेन शास्त्री कलकत्ता जाने का मेरा पहला ही मौका था. मैं संध्या-समय वहां पहुंचा, और हरीसन रोड पर एक…

3 weeks ago

“जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष

2024 का लब्ध प्रतिष्ठित "इरेमस" पुरस्कार प्रख्यात रचनाकार अमिताव घोष को प्रदान किया गया है. यह इस सन्दर्भ में अत्यंत…

1 month ago

होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है

होली के त्यौहार को कुमाऊँ में अलग अलग अन्दाज़ में मनाया जा रहा है. बैठकी होली का दौर तो चलता…

1 month ago

पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें

पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहा भी खुले शमां रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त…

1 month ago

नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए

आज जब एक साल बाद नैनीताल आई, तो लगा जो भी यहाँ से लेकर गई हूँ, सारी अच्छी-बुरी यादें, खट्टे-मीठे…

1 month ago

कहानी : साहब बहुत साहसी थे

आज शेविंग करते  हुए ना जाने ध्यान  बंट गया या  फिर वही जल्दबाजी  हुई कि गाल में एक बड़ा सा…

1 month ago

“चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत

नैनीताल रईस होटल में रहते थे, गोरखा लाइन हाई स्कूल के नीचे, कृष्णापुर जाने वाले रास्ते के बायीं ओर. कोई…

2 months ago