बागेश्वर के उत्तरायणी मेले की झलकियाँ
ऐतिहासिक महत्त्व का मेला Read the post in English उत्तराखण्ड के (Uttarakhand) बागेश्वर (Bageshwar) में लगने वाला उत्तरायणी (Uttarayani) का मेला ऐतिहासिक महत्व रखता है. पुराने समय में यह मूलत... Read more
ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित गोलमाल (1979) हिंदी सिनेमा की सफलतम फिल्मों में से एक है. शिष्ट हास्य को परदे पर उकेरना बड़ा ही दुष्कर काम होता है. इस फिल्म में निर्मल हास्य का सृजन हुआ है. कथासार... Read more
पहली बार उस लड़की से मिलिए तो उसमें आपको एक निहायत भोली और ठेठ पहाड़ी लड़की नज़र आएगी. सादगी से भरी उसकी शुरुआती बातें आपके पहले इम्प्रेशंस से मेल खाएंगी. फिर आप उसकी बनाई फ़िल्में देखिये. उसके ब... Read more
वृक्ष मानव का निधन विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने आठ साल की उम्र में अपने जीवन का पहला पौधा लगाया था. 96 वर्ष की आयु तक उन्होंने टिहरी-गढ़वाल जिले में कम से कम पचास लाख पेड़ लगाये. वह उत्तराखंड के... Read more
पचास लाख पेड़ लगाने वाले मसीहा का जाना
कल यानी बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के ‘वृक्ष मानव’ (Tree Man) के नाम से विख्यात श्री विश्वेश्वर दत्त सकलानी (Vishweshwar Dutt Saklani) का देहांत हो गया. उनके परिजनों की मानें तो उन्होंने अपन... Read more
“हाँ साहब! वह पैठी है मन के भीतर” – गोपाल राम टेलर से महान लोकगायक तक गोपीदास का सफ़र
1900-1902 के बीच कोसी नदी से सटे हुये गांव सकार में ‘दास’ घराने के एक हरिजन टेलर मास्टर के घर जन्मा था गोपाल राम. इस खानदान में गाथा गायन अतीत से चला आया था. यह लोग बौल गायन तथा जागरी गाथा क... Read more
मंटो क्यों लिखता था
आज मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Manto)की बरसी है. इस मौके पर प्रस्तुत है अपने लेखन को लेकर उनका लिखा हुआ एक बेबाक और प्रेरक आलेख. मैं क्यों लिखता हूँ -सआदत हसन मंटो मैं क्यों लिखता हूँ?... Read more
यह सब जानना चाहिए ब्रह्मकमल के बारे में
58 तरह का ब्रह्मकमल हालांकि इसका नाम ब्रह्मकमल (Brahmakamal) है पर यह तालों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन में होता है. ब्रह्मकमल 3000-5000 मीटर की ऊँचाई में पाया जाता है. ब्रह्मकमल उत्तराखं... Read more
दो दशकों बाद नैनीसैनी एयरपोर्ट का सपना हुआ पूरा
17 जनवरी 2019 की तारीख पिथौरागढ़ के इतिहास में हमेशा के लिये दर्ज हो चुकी है. आज की भागती दुनिया में ऐसा कम ही होता है कि तीन पीढ़ियों का एक ही सपना हो. पिथौरागढ़ में नैनीसैनी एयरपोर्ट का सपना... Read more
गुलों में रंग भरे: जन्मदिन पर मेहदी हसन की याद
उस्तादों से लगी लगन तब न कविता की तमीज़ थी न संगीत समझने की. बीस-बाईस की उम्र थी और मीर तकी मीर का दीवान सिरहाने रख कर सोने का जुनून लग चुका था. उनके शेर याद हो जाया करते और सोते-जागते भीतर ग... Read more