पिथौरागढ़ में नाचनी कस्बे के नाम की कहानी
नाचनी एक छोटा सा क़स्बा है जो पिथौरागढ़ ज़िले के तल्ला जोहार में अवस्तिथ है. इसकी भौगोलिक संरचना एक V आकार की घाटी है जिसका निर्माण युवावस्था में नदियों द्वारा अपरदन से होता है. Etymology of... Read more
डॉ. राम मनोहर लोहिया जन्मदिन विशेष
स्वातंत्रोत्तर भारत में समाजवाद विचारधारा को धार देने में आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण अग्रणी थे, यद्यपि उस दौर में इस आन्दोलन में मधुलिमये, मधु दण्डवते, जॉर... Read more
कल्याण सिंह रावत : हरियाली का मैती
मैती शब्द का शाब्दिक अर्थ यूं तो मायके वाला होता है पर इस शब्द का एक विशिष्ट अर्थ अत्यंत प्रिय या दिल के क़रीब रहने वाला भी होता है. इस बार गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री से सम्मानित कल्याण सिंह र... Read more
भिटौली : भाई-बहिन के प्यार का प्रतीक
उत्तराखंड में चैत्र माह में प्यूंली के पीले और बुरांश के लाल फूल खिल कर वसंत ऋतु के आगमन का संदेश दे देते हैं, बच्चों की टोलियां अपनी नन्हीं टोकरियों में रंग-बिरंगे फूल भर कर चैत्र माह के पह... Read more
स्वकीया प्रेम की सुखान्त चैती गाथा है जसी गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले चैती गाथा गीतों में जसी की गाथा भी प्रमुख है. जसी और फ्यूंली की गाथाओं में कुछ समानताएं भी हैं और कुछ अन्त... Read more
कोरोना के कारण उत्तराखंड का 73 साल पुराना सिनेमाघर अपने आखिरी शो के बिना बंद
देहरादून में रहे हर आदमी को चकराता रोड पर बनी एक पुरानी बिल्डिंग याद होगी जिसपर हमेशा नई फिल्म का पोस्टर लगता था. बिल्डिंग का नाम है प्रभात सिनेमा. प्रभात सिनेमा जिसने देहरादून की तीन तीन पी... Read more
सब ओर प्रकृति में हरियाली सज जाती है. नई कोंपलों में फूल खिलने लगते हैं. चैत मास लग चुका है. ऋतु रैण की परंपरा रही थी बरसों पहले तक. जब गाँव-गाँव बादी या नैका हारमोनियम, सारंगी ढोलक की ताल... Read more
फूल बन कर खिलने वाली पर्वतपुत्री है फ्यूंली
गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले लोकगीत चैती कहलाते हैं. अधिकतर लोकगीतों का वर्ण्य विषय लोकगाथाएँ होती हैं. इन लोकगाथाओं में दो तत्व अनिवार्य रूप से होते हैं, पहला ससुराल में कष्टपू... Read more
इस बार हिमालयी फूलदेई पर्व की धूम समुद्र के तट पर भी खूब रही. इस वर्ष महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सहयोग से “रंगोली आंदोलन” से जुड़े मराठी समाज के लोगों व बच्चों द्वारा राजभवन... Read more
द्वार पूजा का पर्व भी है फूलदेई
उत्तराखण्डियों का बालपर्व – फूलदेई सनातनी संस्कृति में घर का द्वार केवल घर में प्रवेश करने का रास्ता न होकर वन्दनीय पूजनीय माना जाता है. घर बनाते समय द्वार की दिशा का निर्धारण वास्तुशा... Read more