सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े
कुमाऊं का समाज एक कृषि प्रधान समाज रहा है. एक समय कृषि ही कुमाऊं के लोगों का प्रमुख व्यवसाय था. कुमाऊं की परम्पराओं से भी यह स्पष्ट होता है कि यहां का समाज मूलरूप कृषि पर पूरी तरह निर्भर रहत... Read more
ऐसे होती है पारम्परिक कुमाऊनी शादी
सादगी भरा जीवन जीने वाले पहाड़ी बाहर से जितने भोले दिखते हैं भीतर से उतने ही रंगीले भी हैं. तो यही वजह है कि उत्तराखण्ड के किसी न किसी कोने में हर रोज कोई न कोई उत्सव या मेला चल ही रहा होता... Read more
रोपाई से जुड़ी परम्पराओं पर एक महत्वपूर्ण लेख
आज भले ही हमारे खेत बंजर हो रहे हैं. हम गुणी-बानरों की बात कहकर खेती छोड़ रहे हों पर एक समय वह भी था जब खेती के लिए लोग नौकरी छोड़कर घर आ जाते थे. मैंने कई लोग देखे हैं कि तीन भाई हों तीनों... Read more
सावन की शुरुआत में हरेले का गीत
पिछले कुछ सालों से उत्तराखण्ड के युवाओं द्वारा लोक संगीत को नए कलेवर में पेश करने का चलन देखने में आया है. इन कोशिशों में गाने को भौंडा बनाने के बजाय उनकी पहाड़ी आत्मा को बचाये-बनाये रखने के... Read more
हमारे पहाड़ों में कठपुड़िया नाम काफी प्रचलित है. वैसे तो कठपुड़िया नाम की जगहें भी हैं पर यहां पर बात जंगल में बनाई गई उन जगहों की हो रही है जहां पर लकड़ियां फेंकी जाती थी.(Kathpudiya Uttara... Read more
हरेला कब बोते हैं
हरेला प्रकृति से जुड़ा एक लोकपर्व है जो उत्तराखंड के पहाड़ी समाज द्वारा मनाये जाने वाले पर्वों में सबसे महत्वपूर्ण है. उत्तराखंड का पहाड़ी समाज हरेला साल में तीन बार मनाता है. यह इस वर्ष का... Read more
विवाह एक उत्सव है. विवाह एक परम्परा, एक संस्कार है. उच्च हिमालय के रहवासी शौका समाज या जोहारी समाज की शुभ विवाह की कुछ यादें भूली-विसरी स्मृतियों से. (Wedding Customs and Traditions in... Read more
केदारनाथ पर महत्त्वपूर्ण लेख
मन्दाकिनी नदी के स्त्रोत प्रदेश में भारतखण्ड शिखर के पदतल में 11753 फीट की ऊंचाई पर अत्यन्त भव्य दृश्यावली के मध्य में केदारनाथ का प्राचीन एवं विशाल मन्दिर है. इतनी ऊंचाई पर एवं इतनी सुन्दर... Read more
यह उत्तराखण्ड के लिए कफल्टा में हुए दलित नरसंहार को याद करने का महीना है. मई 1980 उत्तराखण्ड के इतिहास की सबसे काली तारीखों में से एक है. इस दिन कुमाऊं के कफल्टा नाम के एक छोटे से गाँव में थ... Read more
उत्तराखण्ड की अनूठी विवाह परम्पराएँ
बहुप्रचलित पूर्णतः वैदिक अनुष्ठान, संस्कार तथा स्थानीय रीति-रिवाज के साथ किये जाने वाले अंचल विवाह परम्परा के अलावा भी उत्तराखण्ड की विशेष विवाह परम्पराएँ हुआ करती थीं. इस तरह के विवाह विशेष... Read more