आज बूढ़ दीवाली है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree परम्परागत रूप से कुमाऊं क्षेत्र में दीवाली तीन बार मनाई जाती है. तीनों के नाम क्रमशः कोजागर, महालक्ष्मी और बूढ़ दीवाली. पौर... Read more
पहाड़ियों में इन महीने ही क्यों होती है शादी
पहाड़ियों में बरस के बारह महीने शादी नहीं होती. एक वर्ष के बारह महीनों में कुछ ऐसे महीने तय हैं जिनमें विवाह होता है. मसलन मंगसीर, माघ और फागुन के पूरे महीने में शादियां हुआ करती हैं लेकिन स... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गरीब और पिछले समझे जाने वाले ग्रामीण इलाकों में अनेक ऐसी परंपराएं हैं जो महिलाओं को आर्थिक अधिकार निश्चित करती हैं. महिलाओं... Read more
पहाड़ के गावों में आये हैं महेश्वर भिना
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज आठूं है. आठूं पहाड़ के गावों में महेश्वर भिना के आने का दिन. गौरा दीदी को ससुराल लेने आये हैं महेश्वर भिना. सौं और धान क... Read more
पहाड़ में आज गमरा बनती है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree सिलगड़ी का पाला चाला, यो गाँव की भूमिया.फलुँ फूला लाला त्योलिया, यो गावें कि भूमिया. (Saton Festival Uttarakhand) इन दिनों... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree त्यार ही तो वह बीज है जो नई पीढ़ी को पहाड़ से जोड़कर रखता है. अपने गांव और घर से दूर रहने वाले पहाड़ी के भीतर अगर कहीं पहाड... Read more
कल गंगा दशहरा है
इस वर्ष गंगा दशहरा 30 मई के दिन पड़ रहा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस दिन कुमाऊं क्षेत्र के हिस्सों में घरों के मुख्य दरवाजों के ऊपर और मंदिरों में गंगा दशहरा पत्र लगाया ज... Read more
कुमाऊं क्षेत्र में भाई-बहिन के प्रेम पर बनी रवायतें किसी से नहीं छिपी. लोककथा, लोकगीत, पर्व और परम्पराओं में इस प्रेम की अनेक झांकियां देखने को मिलती है. प्रचलित परम्पराओं के अनुसार बहिन के... Read more
कुमाऊँ में कपड़े और रस्सियाँ बनाने के लिए रेशा निकालने के परम्परागत तौर-तरीक़े
पहनावा या वेशभूषा किसी भी समाज की सांस्कृतिक पहचान है. कुमाऊँ के ठण्डे मौसम में अच्छे गर्म वस्त्रों का उपयोग और भी ज्यादा जरूरी रहा है. इसीलिए वस्त्रों का चलन यहाँ प्रागैतिहासिक काल से ही रह... Read more
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा,मैकेणी म्येर इजैकी की खबर दी जा.आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ ली जा,मैकेणी म्येर घर गौं की खबर दी जा.आ कौआ,अपण दगड़ी और लै पंछी ल्या,सबुकैं घुघुती त्यारै की खबर दी आ. इ... Read more