संस्कृति

एक त्रिशूल की आंखिन देखी

मैं, अर्थात गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित त्रिशूल, आँखिन देखी अपनी कथा सुनाकर जी हल्का करना चाहता…

5 years ago

ऐपण कला की उम्मीद पिथौरागढ़ की निशा पुनेठा

उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति के विलुप्त हो जाने की आशंका के बीच कई युवा अपने जिद्दी इरादों के साथ इस कुहासे…

5 years ago

रामलीला ही नहीं राजनीति के भी दशरथ हैं बंशीधर भगत

उत्तराखंड प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले विधायक बंशीधर भगत जब आते हैं स्टेज पर तो बज उठती…

5 years ago

कुमाऊनी लोकगीतों के चैम्पियन चम्पावत के बीके सामंत

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पहाड़ को छोड़कर भी पहाड़ को नहीं भूलते हैं, उन्हीं में से एक है…

5 years ago

क्या आवश्यक हैं रामलीला में अशोभनीय प्रसंग?

सीता स्वयंवर व धनुष यज्ञ प्रसंग में अनेक रामलीलाओं में फूहड़ता देखने को मिलती है. धनुष तोड़ने आये राजाओं की…

5 years ago

कौन है पहाड़ों की नन्दा देवी

शिव के साथ-साथ शक्ति की उपासना भी अति प्राचीन काल से होती आई है बल्कि यह कहना अधिक उचित होगा…

5 years ago

कुमाऊनी रामलीला के तबला उस्ताद: मास्साब मनोहर लाल

पिछले छः दशक से भी अधिक समय से रामलीलाओं में तबला वादक के रूप में भागीदारी कर रहे मनोहर लाल…

5 years ago

मुक्तेश्वर की रामलीला में जब शक्ति लगने से हुई लक्ष्मण की असल में मृत्यु

नैनीताल जिले का मुक्तेश्वर कभी अपनी रामलीला को लेकर भी खासा जाना जाता था. आसपास के गांवों से लोग हाथ…

5 years ago

धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय का बगेट-आर्ट

नगरपालिका सभागार में अल्मोड़ा 2-3 सितम्बर को आयोजित बगेट-आर्ट प्रदर्शनी देखने का सुअवसर मिला. बगेट चीड़ के पेड़ की छाल…

5 years ago

मैं तुझे फिर मिलूंगी: अमृता प्रीतम को याद करने का दिन

आज अमृता प्रीतम का जन्मदिन है. 31 अगस्त, 1919 को पंजाब के गुजरांवाला अमृता प्रीतम का जन्म हुआ. पंजाबी की…

5 years ago