धारचूला के सीमांत गांव छिपलाकोट की छिपला जात
सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील में काली एवं गोरी घाटी के मध्य उच्च हिमालय में स्थित छिपला कोट, अपने में विशेष धार्मिक महत्व रखता है. समुद्र तल से लगभग 4200 मीटर की ऊचाई एवं बरम कस्ब... Read more
आज से देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू
आज से देहरादून में 350 वर्ष पुराने ऐतिहासिक झंडा मेला की शुरुआत हो चुकी है. होली के ठीक चार दिन बाद एक महीने तक चलने वाला झंडा मेला शुरू होता है. इस मेले में सुबह दरबार साहिब के बाहर स्थापित... Read more
बैसी उत्तराखण्ड में सावन के महीने में 22 दिनों तक मनाया जाने वाला लोकपर्व है. यह त्यौहार खरीफ की फसल में जुटकर थक चुके किसानों में नयी उमंग पैदा करता है. इस त्यौहार में किये जाने वाले धार्मि... Read more
आज है आंचलिक त्यौहार वट सावित्री
वैश्वीकरण और बाजारीकरण की आंधी में लोकोत्सवों, स्थानीय त्यौहारों का वजूद ख़त्म होता जा रहा है, या फिर उनका मूल स्वरुप लुप्त होता जा रहा है. उत्तराखण्ड के भी कई मेले, त्यौहार अपना मूल स्वरुप ख... Read more
कुमाऊं की पारंपरिक चित्रकला ऐपण
दीवाली का त्यौहार नजदीक ही है. इस त्यौहार में कुमाऊ के सभी घरों को ऐपण से सजाया जायेगा. ऐपण एक पारंपरिक कुमाऊनी चित्रकला है. इस लोक चित्रकला का सभी स्थानीय धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण... Read more
रिखणीखाल में है ताड़केश्वर महादेव का मंदिर
जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल विकासखण्ड से लगभग पच्चीस किलोमीटर बांज तथा बुरांश की जंगलों के बीच चखुलियाखांद से लगभग सात किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है ताड़केश्वर महादेव मंदिर. गढ़वाल राइफल क... Read more
उत्तराखण्ड और हिमाचल में पहाड़ी, पुरानी दीवाली का पर्व मनाया जाता है. यह मुख्य दीवाली के 11 दिन बाद, कार्तिक शुक्ल एकादशी, को मनाया जाने वाला त्यौहार है. इसे हरिबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के... Read more
पहली दफा मानव शरीर में देवता का अवतरण है नौताड़
उत्तराखण्ड में जागर के धार्मिक अनुष्ठान का बहुत बड़ा महत्त्व है. जागर के दौरान व्यक्ति शरीर में इष्टदेव का अवतरण होता है. यह देवता लोगों की समस्याओं के कारण बताता है और उनका निदान भी करता है.... Read more
ये चरवाहे और मेमने भी तो हमारे ही हैं सरकार!
क्या आपने उत्तराखण्ड के अन्वाल समुदाय का नाम सुना है? यदि नहीं तो आज हम आपको उनकी कथा सुनाने जा रहे हैं. हम आपको बताएंगे कि कम्प्यूटर और रोबोट से संचालित इस इक्कीसवीं सदी में भी हिमालय की ऊं... Read more
देवीधार का मेला
यह लोकोत्सव कुमाऊं के चम्पावत जनपद में लोहाघाट से लगभग 3 किमी पूर्व एक पहाड़ की तलहटी में स्थित शिवालय में मनाया जाता है. इसके बारे में मान्यता है कि इस पहाड़ी के पश्चिम में शासक बाणासुर, जहाँ... Read more