चांचड़ी: उत्तराखंडी लोकसंस्कृति की रीढ़
मनुष्य का समभाव होना बुद्धत्व को प्राप्त कर लेना है. निर्वाण प्राप्त करना है, जिसमें जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा, महिला-पुरुष छोटा-बड़ा सवर्ण-दलित कुछ नहीं रहता, मात्र मनुष्य होना हो जा... Read more
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पहाड़ को छोड़कर भी पहाड़ को नहीं भूलते हैं, उन्हीं में से एक है बीके सामंत. 2000 में पहाड़ छोड़कर कामकाज के सिलसिले में मुम्बई चल पड़े बीके सामंत मूल रूप से चंपावत जि... Read more
खुदेड़ : नराई से जन्मा पहाड़ी लोकगीत
करीब दस एक साल पहले तक गढ़वाल के गांवों में मोछंग की धुन के साथ दर्द भरी आवाज में गीत सुनने को मिल जाते थे. ये गीत सामान्यतः महिलाओं द्वारा गाये जाते जिनमें पहाड़ का दर्द साफ़ झलकता था. नवविवाह... Read more
झोड़ा : प्रेम और श्रृंगार से भरा नृत्यगान
अल्मोड़ा-रानीखेत-सोमेश्वर-द्वाराहाट क्षेत्र में झोड़ा एक लोकप्रिय नृत्यगान शैली है. झोड़ा चांचरी का ही परवर्ती रूप लगता है. झोड़ा हिंदी के जोड़ या जोड़ा शब्द से मिलकर बना है. नेपाली में झोड़ा के लि... Read more
पिथौरागढ़ की सौर्याली और काली पार डोटी अंचल की साझी झलक है कबूतरी देवी के गीतों में
कबूतरी देवी का उत्तराखण्ड और हिमालयी इलाके के लोक संगीत में एक बहुत बड़ा नाम रहा है. मधुर और खनकती आवाज की धनी कबूतरी देवी को उत्तराखण्ड में सभी जानते हैं. आज से तीन-चार दशक पूर्व लखनऊ और नज... Read more
कबूतरी देवी – (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर काट रही होतीं, उनके परिजन मिन्नतें कर रहे होते. संस्कृति विभाग से मिलने वाली मामूल... Read more
‘न्यौली’ के बिना अधूरा है उत्तराखंड का लोकगीत
उत्तराखंड में जब भी लोकगीतों की बात होती है तो न्यौली अपना एक विशेष महत्व रखती है. न्यौली को न्योली भी लिखा जाता है. न्यौली कुमाऊं की एक प्रमुख गायन पद्धति है. कुमाऊंनी में न्यौली एक चिड़िया... Read more
झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी लागला बिलौरी का घामा हाथे कि कुटली हाथे में रौली नाके की नथुली नाके में रौली लागला बिलौरी का घामा बिलौरी का धारा रौतेला रौनी लागला बिलौरी का घामा. यह एक ऐसा कुमाऊं... Read more
पुण्यतिथि विशेष: पप्पू कार्की हमेशा याद आएंगे
प्रवेन्द्र सिंह कार्की उर्फ़ पप्पू कार्की (30 जून 1984-9 जून 2018) आज ही के दिन एक साल पहले सड़क दुर्घटना में उत्तराखण्ड की नयी पीढ़ी के अग्रणी लोकगायक पप्पू कार्की का निधन हो गया था. मात्र 34... Read more
एक था फ्रेडी मरकरी
आज से सत्ताईस साल पहले आज ही के दिन यानी ईस्टर, 20 अप्रैल 1992 को लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में एक यादगार संगीत आयोजन (Freddie Mercury Concert 1992) हुआ था. फ्रेडी मरकरी ट्रिब्यूट कंसर्ट फॉर... Read more