क काथ: लछू कुठ्यारीक च्याल
भौत पैलियकि बात छ. एक गौं में लछू कुठ्यारीक नूंक एक विद्वान बामण रूनेर भा. जो भौत पढ़ी लेखी और भाल मैस लै भा. इलाक में उनरी भौत इज्जत भै. पर पूरब जनमाक करमनि लछू कुठ्यारीक एक एक कै छ च्... Read more
इगास से जुड़ी एक कथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पहाड़ का जीवन कृषि आधारित रहा है. कृषि के लिये पहाड़ी न जाने कितने बरसों से पशुओं पर निर्भर रहे. अपने आंगन में पशुओं से बात... Read more
एक निशाने में सात बाघ ढेर करने वाली पहाड़ी फसक
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पहाड़ में एक शब्द प्रचलित था काना खुरो. काना खुरो अव्वल दर्जे के गपोड़ियों के लिये प्रयोग किया जाने वाला शब्द है. काना खुरो... Read more
पौराणिक कथाओं में ऋषिकेश
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश को दुनिया आज ‘योग की राजधानी’ के तौर पर जानती है. ऋषिकेश उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक है... Read more
सातों-आठों में कही जाने वाली लोककथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं का लोक पर्व सातों-आठों अपने पूरे रंग में है. कुमाऊं के गांव अपने दीदी-भिना संग उत्सव मना रहे हैं. सातों-आठों लोकपर्व... Read more
जब एक ग्वाला कुमाऊं का राजा बन गया
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं के चंद शासकों की वंशावली में एक राजा का नाम है थोहरचंद. फ्रांसिस हैमिल्टन ने अपने दस्तावेज द एकाउंट ऑफ़ दी किंगडम ऑफ... Read more
बागेश्वर नाम से जुड़ी एक स्थानीय लोककथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं के सबसे पुराने नगरों की बात की जाय तो बागेश्वर की गिनती सबसे पुराने नगरों में की जाती है. बागेश्वर वर्तमान में एक जि... Read more
एक बकरा जिसने बाघ और सियार को साथ में ढेर किया
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree बड़ी पुरानी बात है एक बकरे को न जाने क्या सूझी और वह अपने मालिक को बिना बताये शाम के समय जंगल की ओर चल दिया. बकरा जान... Read more
सिद्धबली मंदिर की कहानी
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार के पास एक नदी बहती है खोह. खोह के विषय में मान्यता है कि यह वही कौमुदी नद... Read more
कुमाऊं में वह जगह जहां कुंभकर्ण का सिर रखा गया
वर्तमान चम्पावत क्षेत्र चंद शासन काल में काली कुमाऊं नाम से जाना जाता था. गोरखा और चंद काल में इसमें खिल पित्तीफाट, गुमदेश, गंगोल, चालसी, चाराल, पाल-बिनौल, फड़का-बिसज्यूला, बिसुंग, सिप्टी, स... Read more