बूबू की धुपैणी में महकती अनोखी जड़ – सम्यो
तीन बाखली के छोटे से गाँव में मालगों (ऊपर का गाँव) के बीचों-बीच हमारे एक बूबू रहते थे. बहुत मीठे स्वभाव और बाल सुलभ मुस्कान के धनी थे. बच्चों और बकरी के पट्ठों से बहुत प्यार करते थे इसलिए हम... Read more
‘हिमालय दिवस’ पर शमशेर सिंह बिष्ट की एक टिप्पणी
शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल और ज़मीन को किसी नारे या मुहावरे की तरह नहीं बल्कि एक प्रखर सच्चाई की तरह जी... Read more
केंद्र सरकार ने पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की है. उत्तराखण्ड के अनिल जोशी और कल्याण सिंह रावत को पद्मश्री पुरस्कार दिया जायेगा. उत्तराखंड में मैती आंदोलन पर्यवारण... Read more
यारसा गम्बू उच्चहिमालय के कुछ क्षेत्रों में 3500 से 5000 मीटर तक की उंचाई में होता है. यारसा गम्बू, तिब्बती भाषा का शब्द है. स्थनीय भाषा में इसे जडि, क्यूर झार, कीड़ा, कीड़ाघास कहा जाता है. गर... Read more
भारत में 80 प्रतिशत प्लास्टिक को बिना रीसाइकल किये ही फेंक दिया जाता है. आज हमारे घरों में रसोई घर से लेकर पाखाने तक प्लास्टिक घुसा हुआ है. ऐसे में एक शहर जहां पर्यटन अधिक होता हो वहां प्लास... Read more
उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके को ध्यान से देखा जाय तो मालूम पड़ता है कि मनुष्य और प्रकृति के सम्बन्ध पिछले करीब दो सौ बरसों में बहुत बिगड़े हैं और इन्हें बिगाड़ने का काम केवल मनुष्य ने किया है. (Ut... Read more
हमारा भोजन और स्वास्थ्य हैं इस साल के अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम्स
संयुक्त राष्ट्र संघ ने आज यानी 22 मई का दिन अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस यानी इन्टरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवरसिटी के रूप में घोषित किया हुआ है (Celebrating International Biodiversity D... Read more
उत्तराखंड में बीज बचाओ आन्दोलन
80 के दशक तक उत्तराखंड के पहाड़ों में भी हरित क्रान्ति ने जोर पकड़ लिया था. पहाड़ों में सरकारी व कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हरित क्रांति की रासायनिक खेती का प्रचार-प्रसार किया. लोगों... Read more
पिछले दो दशकों से पिथौरागढ़ के लोग नगर के आसमान पर उड़ता हुआ हवाई जहाज देख पाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. जहाज तो कभी दिखा नहीं लेकिन पिछले कुछ सालों में नैनीपातल से बनने वाला धुँआ पिथौरागढ़ के... Read more
उत्तराखंड में कृषि भूमि का केवल 12% सिंचित है. यहाँ की 50% से अधिक आबादी को रोजगार कृषि से ही प्राप्त होता है. उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल इलाके में किसान ऐसा फसल चक्र अपनाते हैं जिसमें पूरा जी... Read more