हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष की बहुत महत्त्वपूर्ण प्रजाति पाई जाती है, जिसे Himalayan Boxwood (Scientific name: Buxus Wallichiana) कहते हैं... Read more
चोपता : खूबसूरत गुलाबी बुराँश का अदभुत संसार
चोपता उत्तराखंड की सबसे खुबसूरत जगहों के रूप ने जानी जाती है. दो हजार छः सौ आठ मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोपता ऐसा लगता है मानो गढ़वाल हिमालय में किसी ने स्वर्ग का टुकड़ा रख दिया हो. बर्फ की चो... Read more
बाघ अवसरवादी भी होते हैं इसका एक नजारा ढिकाला के ग्रासलैंड में देखने को मिला जहां एक युवा बाघ जिप्सियों की आड़ लेकर हिरन के पीछे भागता हुआ नज़र आया. (Memoir of Deep Rajwar) हाल में ही ढिकाला... Read more
ओण दिवस जंगलों का धधकना नियंत्रित कर सकता है.
उत्तराखंड इस समय बेहद विषम पर्यावरणीय परिस्थितियों से गुजर रहा है. परंपरागत जल स्रोतों नौलौ, धारों, गाड़, गधेरों, गैर-हिमानी नदियों में पानी का स्तर साल दर साल घटता जा रहा है. जल स्रोतों के... Read more
अस्थायी प्रवास हिमालय के चरवाहों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है. ये चरवाहे पहिये की तरह साल भर मवेशियों, भेड़-बकरियों, घोड़ों, याकों और तिब्बती बकरवाल कुत्तों के साथ कभी उच्च हिमालय, कभी द... Read more
वन अनुसंधान संस्थान ‘एफआरआई,’ देहरादून का इतिहास
भारत में जब अंग्रेजों ने अपने पैर पसारना शुरू किया तो उन्हें उत्तर भारत के विशाल जंगलों का महत्त्व जल्द ही समझ आ गया. विश्व इतिहास में यह एक ऐसा समय था जब नौसेना ही किसी भी देश की निर्णायक श... Read more
बाघिन का घातक हमला
कुछ दिनों पहले की बात है, मैं रामनगर की कोसी नदी पर सूर्यास्त को अपने मोबाइल पर क़ैद कर रहा था. पानी में पढ़ती हुई सूर्य की गुलाबी किरणें नदी को एक अलग ही सौन्दर्य प्रदान कर रही थी. (M... Read more
कहानी जंगल की : एक शानदार दिन
पिछले सोमवार की बात है जब वाट्सएप स्टेट्स के माध्यम से मुझे पता चला कि एक बाघ सुबह रामनगर सिताबनी मार्ग पर कोसी की तरफ जाता हुआ दिखा है. देखने से ये वही बाघिन थी जो इस क्षेत्र में अक्सर नज़र... Read more
अभी कुछ दिनों पहले की बात है सीताबनी मार्ग पर विचरण करने के दौरान मुझे एक नाले से मोर के बोलने की आवाज़ आयी, जो एक अलार्म कॉल थी. इसका मतलब था कि उसे कोई ऐसा मांसाहारी जीव नज़र आ गया था जो उ... Read more
एक दर्द भरी दास्ताँ
चलिये आज आपको साल 2016 में ले चलता हूँ. जुलाई का महीना लग चुका था और दिन का खाना खाने के बाद मैं गहरी नींद में सोया हुआ था. तक़रीबन शाम के 4 बज रहे होंगे जब मेरी नींद एक फोन की रिंग ने ख़राब... Read more