केदारनाथ : मान्यताएँ व स्वरूप
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल में रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव का पौराणिक मंदिर केदारनाथ है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ को ग्यारहवें ज्योतोर्लिंग के रूप में स्थान प्राप्त है. केदारनाथ ध... Read more
लोकगायिका वीना तिवारी को ‘यंग उत्तराखंड लीजेंडरी सिंगर अवार्ड’ से नवाजा गया
दर्शक दीर्घा से खचाखच भरा नई दिल्ली का केदारनाथ ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गॅूज उठा जब उत्तराखण्ड की लोकगायिका वीना तिवारी को यंग उत्तराखंड लीजेंडरी सिंगर अवार्ड से सम्मानित किये जाने... Read more
द्वाराहाट का चालाक बैल
द्वाराहाट कुमाऊं के सबसे पुराने नगरों में गिना जाता है. द्वाराहाट की भव्यता के चर्चे पूरे कुमाऊं-गढ़वाल में बरसों से रहे हैं. ऐसा नहीं की केवल द्वाराहाट नगर भव्यता और वहां के लोगों की चर्चा... Read more
छिद्दा पहलवान वाली गली: शैलेश मटियानी की कहानी
पिछले कई वर्षों से, लगभग प्रत्येक मंगलवार को, वह हनुमान मन्दिर आता रहा है. अपनी सम्पूर्णता में सिन्दूर-तेल से सनी हुई हनुमानजी को विशाल मूर्ति उसे सदैव एक अवतार-पुरुष की-सी दिव्यता से अभिभूत... Read more
अल्मोड़ा में अंग्रेज टैक्सी से आया या घोड़े पर, यह तो काल-यात्रा से ही पता लगेगा लेकिन उसका यहां तक पहुंचना, औपनिवेशिक विस्तार के बहुत बड़े आख्यान का छोटा सा हिस्सा भर है. जब अंग्रेज अल्मोड़... Read more
बोली ही तो हमारी पहचान है
कभी-कभी, जब, में पेट की भाषाओं के दबाव तले दम तोड़ती भाषाओं के बारे में चिन्तन करता हूँ तो मुझे घुटन सी होने लगती है. मुझे लगता है कि जिस प्रकार हम अपनी बोलियों की उपेक्षा कर रहे हैं, हमारी... Read more
चम्पावत के डाक बंगले का अनजाना रहस्य
अपनी किताब मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ की पहली कहानी में चम्पावत के डाक बंगले में गुजारी अपनी पहली रात के बारे में जिम कार्बेट ने लिखा है कि उस डाक बंगले के बारे में बताने को मेरे पास कहानियों की झ... Read more
उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के बदहाल होने की बात सर्वविदित है. राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, चिकित्सा केंद्रों में पर्याप्त सुविधा न होने और इस सब के चलते रोगियों-आम नाग... Read more
लार से भस्म कर देने वाला राक्षस: कुमाऊनी लोककथा
पहाड़ से निकलने वाली नदी किनारे एक सुंदर सी बसावट हुआ करती थी. नदी वार और पार गांव वाले ही खेती करते और जहां से नदी निकलती उस पहाड़ के घने बियावन से लकड़ी ले आया करते. घुप्प अंधेरे वाले जंगल... Read more
बचपन में रंग-बिरंगी तितली के पीछे भागना कई लोगों का सबसे प्रिय सगल रहा है. अक्सर किताबों में दिखने वाली तितलियाँ पहाड़ में पलने वाले बच्चों के जीवन का असल रंग हुआ करती थी. जिन्दगी की दौड़ मे... Read more