केदारनाथ पर महत्त्वपूर्ण लेख
मन्दाकिनी नदी के स्त्रोत प्रदेश में भारतखण्ड शिखर के पदतल में 11753 फीट की ऊंचाई पर अत्यन्त भव्य दृश्यावली के मध्य में केदारनाथ का प्राचीन एवं विशाल मन्दिर है. इतनी ऊंचाई पर एवं इतनी सुन्दर... Read more
गुन्दरू आज भी घर की देली पर खड़ा है : लोककथा
एक बार गाँव के थोकदार जी ने अपने शहर जाते चौदह साल के बच्चे गुन्दरू को वापस आते समय अच्छा गुड़ ले आने को कहा. जाड़ों के दिन है यह तो चाहिए ही और शहर से गुन्दरू गुड़ तो लाया पर कुछ इस तरह-(G... Read more
गुरूजी और जोंक
बीसवीं शताब्दी के पहले साल में अपर गढ़वाल में आधुनिक शिक्षा की अलख जगाने वाले इसी ख्याति प्राप्त विद्यालय में छायावादी कवि चंद्रकुँवर बर्त्वाल भी पढ़े थे. यहाँ के सुदीर्घ बांज-वृक्षों को वो... Read more
बुद्ध ने आनंद को वेश्या के पास क्यों जाने दिया
बुद्ध की शरण में दीक्षा ले रहे भिक्षुओं को कई नियमों का पालन करना पड़ता था. वे किसी के भी घर तीन दिन से ज्यादा नहीं रुक सकते थे. यह नियम स्वयं बुद्ध ने बनाया था. उद्देश्य यह था कि उनकी सेवा... Read more
चीना रेंज में घने जंगल के बीच में रांची बिल्कुल सुनसान जगह में था जहां फारेस्ट क्वाटर थे. हमारा घर थोड़ी ऊंचाई पर था तो बाकी क्वाटर उससे नीचे. ज्यादातर वन विभाग के लोगों की ही आवत-जावत होती.... Read more
शराब पीने में उत्तराखंड के पुरुष अव्वल
किसने सोचा था कि एक दिन उत्तराखंड की ऐसी गत होगी. कम से कम अलग राज्य के लिये अपनी जान की कुर्बानी देने से भी न डरने वाले राज्य आन्दोलनकारियों ने तो कभी नहीं सोचा होगा कि जिस अलग राज्य के लिय... Read more
कोतवाल के हुक्के की एफआईआर
“देख शेखू ये बात कुछ ठीक नहीं लग रई!” कार्यक्रम शुरु हुए आधा घण्टा हुआ था और मुझे शेखू दुबे से कही गई अपनी बात रह-रह के याद आ रही थी. तब शेखू दुबे ने कहा था- फिकर की कोई बात न है. पर अब फ़िक... Read more
उत्तराखंड के वीर कफ्फू चौहान की गाथा
उदयपुर परगने की जुवा पट्टी में गंगा नदी के किनारे एक ऊँचे टीले पर ‘उपुगढ़’ स्थित था. उसका शासक उन दिनों चौहान वंशीय युवक कफ्फू चौहान था. उसे अपने गढ़ की स्वाधीनता प्राणों से भी प... Read more
जब कभी कफल्टा हत्याकांड 1980 की बात होती है तो ठीक-ठाक बुद्धिजीवियों का भी यह मत होता है कि जो हुआ वह बुरा हुआ पर इतने साल बाद इस पुरानी बात को याद करने का कोई मतलब नहीं है. सवर्णों के बीच त... Read more
आठवीं का बोर्ड, चेलपार्क और हरित क्रांति
जिस बोर्ड परीक्षा का हव्वा बना कर, सामान्यतया बच्चों को हाईस्कूल में डराया जाता है वो हमारे हिस्से आठवीं में ही आ गयी थी. कई सालों बाद फिर से आठवीं की बोर्ड परीक्षा करवाये जाने का निर्णय हुआ... Read more