पिथौरागढ़ जिले के मंदिरों में बढ़ी चोरी की घटनाएं
पिथौरागढ़ जिले के मंदिरों में चोरी की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब खबर अस्कोट में सैनीपातल गांव के बालीचंद मंदिर में चोरी की है. बालीचंद मंदिर में चोरों ने सोने का छत्र, जनेऊ और एक नथ... Read more
ठाकुर का कुआं
जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख़्त बदबू आई. गंगी से बोला- यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता. गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है.(Premchand Story Thakur Ka K... Read more
उत्तराखंड की यह जगह फिल्मों में स्कूल और कॉलेजों की लोकेशन के लिए लोकप्रिय है
हिन्दी और दक्षिण भारतीय फिल्मों में दिखाए जाने वाले कॉलेज और स्कूल देखकर हर किसी का मन यहां पढ़ने को करता है. करन जौहर या यश राज बैनर्स तले बनी फिल्मों में दिखाये जाने वाले स्कूल और कॉलेज दे... Read more
पहाड़ी खेती : जलागम योजना के फलसफे
पहाड़ में खेती लाभप्रद नहीं रह गई है इसलिए अब किसान परंपरागत रूप से चले आ रहे कृषि के काम-धंधे से छिटक रहे हैं. पहाड़ में कृषि से मिलने वाली आय परिवार के जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त नहीं सा... Read more
बुद्धिमान कुत्ता : कुमाऊनी लोककथा
एक पहाड़ी गांव में एक आदमी रहता था. अपने घर की छत की मरम्मत के लिये उसने एक दूसरे गांव के पधान से 300 रूपये उधार लिये थे. जब कुछ महीनों बाद भी आदमी उधार न चुका पाया तो पधान उस आदमी के पास गय... Read more
कहानी : शिकार की जुगत
गांव में लगातार तीन दिन बारिश होने के बाद आज शिकार की जुगत कार्यक्रम का आयोजन गोकुल के घर पर किया जाना है. अतः पनी राम, नैनू, हीरा सिंह तीनों बहुत उत्साहित है. तीनों कहानी के मुख्य पात्र हैं... Read more
यह तस्वीर दिल्ली के खेल गांव की है. खेल गांव में एक ब्लॉक का नाम उत्तराखंड के मुक्केबाज पदम बहादुर मल्ल के नाम पर है. भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में गिने जाने वाले पदम बहादुर मल्ल को सम... Read more
शैलेश मटियानी की कहानी ‘लाटी’
लाटी अपने वरुण विलाप की मर्मवेधी चीत्कारों से इर्दगिर्द जुटे लोगों को ऐसे झकझोर रही थी, जैसे कोई अचानक बाढ़ पर आई नदी अपने प्रचण्ड प्रवाह से दोनों किनारे खड़ी फसलों को झकझोर रही हो. उसने गूं... Read more
बूबू और उनके बर्मा के किस्से
आज हम अपने पहाड़ों की खूबसूरती, ताजी हवा, शुद्ध पानी, संपदा व संस्कृति का गुणगान करते नहीं थकते. यह सब हमें ऐसे ही नहीं मिला है. हमारे पहाड़ों को बचाने के लिए हमारे बड़बाज्यू, बूबू, आमा, काक... Read more
शतरंज के खिलाड़ी
वाजिदअली शाह का समय था. लखनऊ विलासिता के रंग में डूबा हुआ था. छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, सभी विलासिता में डूबे हुए थे. कोई नृत्य और गान की मजलिस सजाता था , तो कोई अफीम की पीनक ही के मजे लेता था.... Read more