पिथौरागढ़ के कैलाश कुमार को वर्ष 2021 के लिए निर्देशन क्षेत्र में ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ दिया जायेगा. ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ संगीत नाटक अकादमी द्वारा कला के व... Read more
आज से 60-70 वर्ष पूर्व हमारी पीढ़ी के लोगों ने कुमाऊँ की पावन भूमि के जिस सांस्कृतिक वातावरण में प्रथम श्वास ली थी तथा किंचित् होश संभालने के साथ ही जिन परम्परागत सांस्कृतिक तत्त्वों को अपने... Read more
पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ की कहानी जल्लाद
प्रातः आठ साढ़े आठ बजे का समय था. रात को किसी पारसी कम्पनी का कोई रद्दी तमाशा अपने पैसे वसूल करने के लिए दो बजे तक झख मार-मार कर देखते रहने के कारण सुबह नींद कुछ विलम्ब से टूटी. इसी से उस दि... Read more
आजकल मनाया जा रहा है मंगसीर बग्वाल
दीपावली के ठीक एक माह बाद जो दीपावली आती है उसका नाम है मंगसीर बग्वाल. इसे उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में सम्पूर्ण जनपद उत्तरकाशी, रवाईं जौनपुर, देहरादून जौनसार क्षेत्र टिहरी के थाती, कठू... Read more
नवम्बर की गुलाबी धूप और माल्टा
देश और दुनिया के लोगों के दिमाग में माल्टा शब्द सुनकर यूरोपीय देश का ध्यान आता है. पर एक असल पहाड़ी ‘माल्टा’ सुनकर महसूस करता है गुनगुनी धूप और एक रसीला फल. नारंगी रंग का रसदार माल्टा जिसका... Read more
ज्ञानरंजन की कहानी ‘अनुभव’
1970 की गर्मियों का प्रारंभ था. गंगा के मैदान में गर्मियों के बारे में सभी जानते हैं. यहाँ पर मौसम का विशेष कुछ तात्पर्य नहीं है सिवाय इसके कि एक लंबे अंतराल के बाद मैं अपने शहर में लौट आया... Read more
पिथौरागढ़ में फुटबाल का स्वर्णिम इतिहास
पिथौरागढ़ में वर्ष भर फुटबॉल खेली जाती थी. लेकिन दूर्नामेंट का आयोजन देवसिंह मैदान में ही होता और खेल का सीजन मध्य जुलाई से सितम्बर अंत तक रहता. देवसिंह मालदार ट्रॉफी, जनरल करियप्पा सील्ड, म... Read more
जो परदेश रहता है उसी की इज़्ज़त होती है
पहाड़ से मैदान की ओर जाने पर लगता है जैसे सीढ़ी से उतरते हुए चौक में आ रहे हों. कोटद्वार रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों में पटर-पटर उतरते हुए मन में अक्सर यही बात आती है. करीब बीस साल पहले की बात... Read more
जुगल किशोर पेटशाली की पुस्तकों का विमोचन
दून पुस्तकालय एवम् शोध केंद्र की ओर से लोक संस्कृतिविद् जुगल किशोर पेटशाली की कुमाऊं की लोकगाथाओं पर आधारित पुस्तक ‘मेरे नाटक‘ तथा चार अन्य पुस्तकों ‘जी रया जागि रया‘,‘विभूति योग‘,‘गंगनाथ-गी... Read more
कुमाऊनी लोक साहित्य में संस्कार गीत
आप काफल ट्री की आर्थिक मदद कर सकते हैं संस्कार गीत संस्कार सम्बन्धी लोक गीत महिलाओं द्वारा गाये जाते हैं. यह प्रत्येक शुभ अवसर पर बच्चे के जन्म से लेकर यज्ञोपवीत, विवाह आदि जीवन से... Read more