व्यासऋकी (व्यास ऋषि) पूजा परंपरा, कल और आज
परिचय- ‘‘नमोस्तु ते व्यास विशालबुद्धे, फुल्लारविन्दायतपत्रनेत्र:. येन त्वया भारततैलपूर्ण: प्रज्ज्वालितो ज्ञानमयप्रदीप:..’’ अर्थात:- जिन्होंने महाभारत रूपी ज्ञान के दीप को प्रज्वलित किया ऐसे... Read more
उत्तराखण्ड में टोपी पहनने का चलन कब शुरू हुआ?
सर्द मौसम है कभी बादल सूर्य को आगोश में ले लेते हैं कभी सूरज देवता बादलों को पछाड़कर धूप फेंकते यहां वहां नज़र आ जाते हैं, कभी पेड़ों के झुरमुट में, कभी आसमान में प्रचंड चमकते, कभी खेतों के प... Read more
उत्तराखण्ड में थिएटर में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. ‘काफल ट्री फाउंडेशन’ और ‘द शक्ति ऑनसेम्बल’ द्वारा हल्द्वानी में 12 दिसंबर 2022 से 15 दिन की थिएटर वर्कशॉप का आयोजन किया... Read more
‘बेरीनाग शब्द ‘बेड़ीनाग’ का अपभ्रंश है. बेड़ीनाग का अर्थ लिपटे हुए नाग से है. समझा जाता है कि अंग्रेजी में ‘इ’ शब्द का उच्चारण न होने के कारण इसे बीईआरआईएनएजी (... Read more
क्या हो अगर जिस बैग में दुल्हन के लाखों के जेवरात रखे हों ऐन फेरों के मौके पर वे गुम हो जाएँ. जब दुल्हन का पूरा परिवार ग़मगीन होकर सोच रहा हो कि अब संकट को कैसे हल करें, तभी खोये हुए जेवर और... Read more
7वीं तक पढ़े ढोल वादक सोहन लाल को डी.लिट की उपाधि
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध ढोल वादक सोहन लाल को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डी.लिट) की उपाधि से नवाजा. ढोल वादक सोहन लाल के संगीत की थाप देश ही नहीं विद... Read more
बावड़ी नौला वाव अल्मोड़ा
–रानी की वाव!–व्हाट? वाव? मैं भाषा में भटकता हूं… संस्कृत में एक शब्द है वापी. वापी यानी जलाशय या कुआं. मनुस्मृति का एक श्लोक मिलता है– तडागान्युदपानानि वाप्यः प्रस्रवणानि च ।सीमासन्धि... Read more
गुरुजी का पहला और आखिरी लाइव
“क्या आपको मेरी आवाज़ आ रही है? क्या मैं दिखाई दे रहा हूँ?” गुरुजी ने कहा. “आवाज़ तो आय रई है, पर दिख नहीं रहे गुर्जी. अकासबानी टाइप हुई रई.” बृजेन्द्र बिरजू ने लिखा. “मैं... Read more
उत्तराखण्ड में थिएटर में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. ‘काफल ट्री फाउंडेशन’ और ‘द शक्ति ऑनसेम्बल’ द्वारा हल्द्वानी में 12 दिसंबर 2022 से 15 दिन की थिएटर वर्कशॉप का आयोजन किया... Read more
अद्भुत व आश्चर्यजनक नेपाल में मुक्तिनाथ
मुक्तिनाथ मंदिर झोंग खोला घाटी के शीर्ष में स्थित है. यही झोंगखोला घाटी सामान्यतः मुक्तिनाथ घाटी के नाम से अपनी अलग पहचान बनाती है. झोंगखोला और काली गँडकी नदी के मध्य में जॉमसोम से आधे दिन क... Read more