उतरैणी कौतिक बागेश्वर की तस्वीरें
हिमालय के आंगन उत्तराखंड में मेलों और त्यौहारों की समृद्ध परम्परा है और यहां के निवासी सदियों से चली आ रही अपनी परंपराओं और मान्यताओं को बड़े हर्षोल्लास के साथ इन मेलों और त्यौहारों के माध्य... Read more
घरों में आदमी नहीं अब दरारें हैं
धरती फट रही है. दरारें पड़ रही हैं. घरों के अंदर, बाहर, आंगन, सड़कें, खेत-खलिहान दीवारें, पुश्ते, सड़कें, रास्ते सब दरक रहे हैं. पुरानी दरारें चौड़ी हो रही हैं, सब कुछ निगलने को हैं दरारें.... Read more
धारचूला से आई एक खबर ने खुश कर दिया
अनेक शताब्दियों से कुमाऊँ की नेपाल और तिब्बत सीमा से लगी इस धारचूला तहसील की व्यांस, चौंदास और दारमा घाटियों में रं समाज की बसासत है. परम्परागत रूप से व्यापार करने वाला यह समाज हमारे इलाके क... Read more
अस्सी पार कर चुके हैं लोहनी जी. टनकपुर में उनका घर ढूंढने में कोई देर न लगी. सड़क पर एक बुजुर्ग व्यक्ति से उनके घर की गली जानने के लिए मैंने अपने साथी से कहा तो सड़क से जा रहीं चार महिलाओं म... Read more
सुनें घुघुतिया का गीत
यूट्यूब चैनल ‘केदारनाद’ कुमाऊँ के लोक पर्व उत्तरायणी के मौके पर लाया है एक बेहतरीन लोकगीत. गीत के बोल हैं ‘ओ काले कौआ.’ गौरतलब है कि कुमाऊनी लोकसंगीत को रिक्रिएट करने... Read more
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा,मैकेणी म्येर इजैकी की खबर दी जा.आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ ली जा,मैकेणी म्येर घर गौं की खबर दी जा.आ कौआ,अपण दगड़ी और लै पंछी ल्या,सबुकैं घुघुती त्यारै की खबर दी आ. इ... Read more
सफरनामा: लोहाघाट से नैनीताल तक
यात्रायें क्या हैं? किसी के लिए उदेश्यों की पूर्ति, किसी के लिए परिस्थितियों से भागना, किसी के लिए हवाख़ोरी, किसी के लिए नये परिवेश और वहां की ज़मीन और आब-ओ-हवा को समीप से महसूस करना. (Trave... Read more
स्कूल की पाटी और भाई-बहन की मीठी नोक-झोंक
पिछली कड़ी- स्मृति द्वार पर प्रेम की सांकल प्राप्ति की ऑनलाइन क्लास चल रही है और वह सुबह उठकर फटाफट नित्य कर्म से निपट कर, तैयार होकर मोबाइल फोन की स्क्रीन ऑन करके बैठ चुकी हैं. उनके बराबर मे... Read more
अल्मोड़े में सबसे स्वाद बाल मिठाई किसकी है
कुमाऊं और बाल मिठाई तो अब जैसे एक-दूसरे के पर्याय ही बन चुके हैं. आप कुमाऊं कहिये बाल मिठाई का जिक्र अपने आप ही आ जाता है या बाल मिठाई कहिये तो कुमाऊं अपने आप उससे जुड़ जाता है. कुमाऊं के अल... Read more
लोक गायक मदन राम जी का गीत ‘घर छू पहाड़ सौरास देश को’ कैसेट के दौर का एक लोकप्रिय गीत रहा है. स्टूडियो में रिकार्ड इस गीत को पहाड़ में तो ख़ासा पसंद किया ही गया लेकिन यह गीत मैदानी इलाकों मे... Read more