टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वैदर रोड पर बिताई दो रातें
सितम्बर का महीना था. मौसम का मिज़ाज इस कदर बदला हुआ था कि चौमासे में बारिश ना के बराबर हुई. सितम्बर मध्य में मौसम विभाग ने पहाड़ों में 3 दिन बारिश का अलर्ट जारी किया. पहाड़ों में बारिश होना... Read more
सुभाष चन्द्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिन्द सरकार का गठन किया था. 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश को अंग्रेजों की गुलामी से निजात दिलाने के उद्देश्य से इस सरकार की स्थापना स... Read more
एक महान सपने को साकार होते देखने की चित्र गाथा है ‘परेड ग्राउण्ड टू लैंसडाउन चौक‘
सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में हिमालयी अध्ययन पर संकेन्द्रित दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र का प्रार्दुभाव 16 मार्च, 2006 को एक स्वायत्तशासी संस्था के रुप में देहरादून हुआ. इसके लिए माध्यमिक... Read more
जनवरी का महीना था ज़मीन से उठता कुहासा मेरे घर के आसपास विस्तीर्ण फैले हुए गन्ने के खेतों पर एक वितान सा बुनकर मेरे भीतर न जाने कहीं सहमे हुए बच्चे की तरह बुझा-बुझा सा बैठ जाया करता था. (Spr... Read more
जोशीमठ के पहाड़
इतने सीधे खड़े रहते हैंकि अब गिरे कि तबगिरते नहीं बर्फ़ गिरती है उन परअंधेरे मे ये बर्फ़ नहीं दिखतीपहाड़ अपने से ऊँचे लगते हैंडराते हैं अपने पास बुलाते हैं दिन में ऐसे दिखते हैंकोई सफ़ेद दाढ... Read more
जोशीमठ की पूरी कहानी
गढ़वाल हिमालय का गजेटियर लिखने वाले अंग्रेज़ आईसीएस अफसर एचजी वॉल्टन ने 1910 के जिस जोशीमठ का ज़िक्र किया है, वह थोड़े से मकानों, रैनबसेरों, मंदिरों और चौरस पत्थरों से बनाए गए नगर चौक वाला ए... Read more
बड़े से लॉन में उगायी गयी अमेरिकन घास के बीच-बीच में उग आयी चलमोड़िया घास की जड़ें खोदने में खड़क सिंह इस कदर मशगूल था कि उसे बहुत देर तक झुलसाती हुई धूप का अहसास ही नहीं हुआ. सूरज की किरणें... Read more
एक समय ऐसा भी था जब हिन्दी फिल्मों में पहाड़ी लोकगीतों की धुनों का इस्तेमाल किया जाता था. आज की पीढ़ी को यह बात एक तरह की गप्प लगेगी. वैसे मोबाइल में दुनिया खोजने वाली इस पीढ़ी को तो बुजुर्ग... Read more
टनकपुर किताब कौथिग का दूसरा दिन
पिछली कड़ी- टनकपुर किताब कौथिग का पहला दिन टनकपुर किताब कौथिग का दूसरा दिन यानी 25 दिसंबर 2022 की सुबह बड़ी सुहावनी थी. सच कहूं तो उत्सुकतावश नींद ही नहीं आई क्योंकि उस सुबह हमें जाना था वन्य... Read more
राजा-पीलू की जोड़ी
पिछली कड़ी – स्कूल की पाटी और भाई-बहन की मीठी नोक-झोंक प्राप्ति-प्रियम गाड़ी में पीछे बैठे हुए हैं और हम लोगों को नवनीत जी सरप्राइज़ विजिट पर चकराता यात्रा पर लेकर जा रहे हैं. मैं नवनीत... Read more