कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
(प्रकृति करगेती की यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘ठहरे हुए से लोग’ में शामिल है. कहानी संग्रह को अमेजन से खरीदा जा सकता है. लिंक यह रहा : ठहरे हुए से लोग – Thahre Huye Se Log) मोड़ काटने... Read more
जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल
आज भले ही कुमाऊं में दिन के न जाने कितने गीत बनाये जाते हैं पर जन सरोकार से जुड़ा कोई गीत शायद ही कभी कोई बनता हो. राज्य में पिछले दो दशकों में बने गीत सुनकर लगता है कि जैसे प्रेम ही एकमात्र... Read more
कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना
अनिल यादव की ‘कीड़ाजड़ी’ में कीड़ाजड़ी उतनी ही है जितनी कीड़े में जड़ी या जड़ी में कीड़ा होता है. नाम अवश्य एक सनसनी पैदा करता है. कीड़ाजड़ी अब अपने नाम, काम और दाम से एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय... Read more
अंकिता हत्याकांड पर तथ्य अन्वेषण रपट
अपने सपनों को पूरा कर अपने परिवार का सहारा बनने की चाह में न जाने कितनी किशोरियां ताउम्र बेबसी और बदहाली के जाल में फंसी रह जाती है. ऐसी परिस्थितियां बना दी जातीं हैं जिनमें घिर वह अपनी योग्... Read more
जब बंदर और लंगूर के शरीर से बना हुड़का गमकता है
उत्तराखंड के संगीत की बात हुड़के बिना अधूरी है. देवी-देवताओं के जागर हों या उत्सव हुड़का पहाड़ का मुख्य वाद्य हुआ. कुमाऊं के पूज्य देवता गंगानाथ की जागर में तो केवल हुड़का ही बजाया जाता है.... Read more
मसूरी शहर से महज 5-6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जॉर्ज एवरेस्ट वर्तमान में पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है. माउंट एवरेस्ट का नाम हम सबने सुना है. दुनिया की सबसे ऊँची इस पर्वत श... Read more
कुमाऊं क्षेत्र में भाई-बहिन के प्रेम पर बनी रवायतें किसी से नहीं छिपी. लोककथा, लोकगीत, पर्व और परम्पराओं में इस प्रेम की अनेक झांकियां देखने को मिलती है. प्रचलित परम्पराओं के अनुसार बहिन के... Read more
समधी-समधिन की प्रतिकृति बनाने की अनूठी परम्परा
समधी-समधिन मतलब दो अनजान परिवारों को एक सूत्र में पिरोने का रिश्ता. समधिन यानी पुत्र रत्न एवं पुत्री रत्न को परस्पर वर-कन्या के रूप में सर्मपण. याद रखें, समर्पण केवल पुत्री का नहीं होता, पुत... Read more
इन 3 प्राणायामों से रखिए अपने दिमाग को सुपर हेल्दी
आज मैं तीन ऐसे प्राणायाम के बारे में बात करने वाला हूँ जिनका अगर आपने नियमित रूप से अभ्यास किया तो आप अपने दिमाग की सेहत को लाजवाब बना सकते हैं और अगर दिमाग की सेहत को आप लाजवाब बना पाए, तो... Read more
पहाड़ों में लोसर से नव वर्ष
तिब्बती में लो का मतलब है वर्ष या साल और सर से अभिप्राय है नया. बौद्ध पंचांग के अनुसार वर्ष का प्रथम दिवस लोसर कहलाता है.लोसर तिब्बती बौद्ध धर्म का त्यौहार है जो विभिन्न पहाड़ी प्रदेशों में... Read more