कहो देबी, कथा कहो – 1
[वरिष्ठ लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी के संस्मरण और यात्रा वृत्तान्त आप काफल ट्री पर लगातार पढ़ते रहे हैं. पहाड़ पर बिताए अपने बचपन को उन्होंने अपनी चर्चित किताब ‘मेरी यादों का पहाड़’ में ब... Read more
बज्जर किस्म के शिकायती भाई साहब !
भाई साहब से मेरी जान-पहचान इनके बचपन से है. जैसे किसी व्यक्ति के भीतर प्रेम, करुणा तथा दया अथवा झूठ, कपट तथा कमीनापन कूट-कूट कर भरा होता है, इनके अंदर बचपन से ही शिकायतें कूट-कूट कर भरी थी.... Read more
साझा कलम : 10 आशीष ठाकुर
[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर रहे हैं. अपने गाँव, शहर, कस्बे या परिवार की किसी अन्तरंग और आवश्यक स्मृति को विषय बना कर आप चार सौ से... Read more
डिब्बाबंद मुल्क और बड़ी होती लड़की
करीब ढाई साल गुजरे उस बात को, जब मेरी एक कजिन, जो हमारे ठेठ सामंती, ब्राम्होण परिवार में साफ दिल वाली एक लड़की थी, ने एक बेटी को जन्मत दिया. मैं मुंबई गई थी, तब बिल्कुकल अकेली थी. ननिहाल, ती... Read more
एक पासपोर्ट साइज़
स्मृति के कोई दर्ज़न भर स्थिर-चित्रों से बना था उसका शहर. उसका शहर पतली सड़कों और बक्सेनुमा मकानों का संकुल न होकर कुछ चित्रों की लड़ी था. इस लड़ी को दोनों सिरों से कहीं बांध दो तो रंग बिरंगी झा... Read more
सूरज की मिस्ड काल – 7
दुनिया की सब माँ ये एक सरीखी होती हैं आज इतवार के चलते अपन अलसाए से लेते रहे. कई बार उठने की सोचे पर मामला टालते रहे जैसे सरकारे जरूरी बिल भर कोशिश टरकाती है. आखिर में रजाई, गठबन्धन-सरकार से... Read more
बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 3
पिछली कड़ी से आगे… हैवलोक लाइन्स , मिलेट्री अस्पताल और सिकंदराबाद… कभी सोचिए, जो ज़िंदगी आपने जी तो हो और आपको बिलकुल भी याद ना हो? ऐसा शायद दो ही सूरत में होता है. जब आप की उम्र तीन-चा... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 2
(पिछली क़िस्त का लिंक: पहाड़ और मेरा बचपन – सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम) मेरी दूसरी स्मृति एक सांप की उलटी पड़ी लाश से जुड़ी हुई है. हमारे अहाते से एक रास्ता ऊपर जंगल से सटकर जाती मुख्य... Read more
रामी बलोद्याण की कथा
बरसाती झड़ी की एक सुबह से मैंने दादी से रट लगाई दूध का हलवा बना. वो बोली आज पिस्युं नी च बाबा (गेहूं का आटा). दो चार दिनों से घाम नहीं आया. बिसगुण कहाँ सुखाये. बिना गेहूं सुखाये जान्द्री में... Read more
‘मिसाइल मैन’ वाली हेयर स्टाइल
कुछ रोज पहले की बात है. मैं, बाल कटवाने गया था. नापित के यहाँ बाल कटवाने में नंबर लगाना पड़ता है. पुरानी सी दुकान थी. दुकान में एक टूटी हुई व्हीलचेयरनुमा जीर्ण-शीर्ण कुर्सी थी, जिस पर एक नौज... Read more