तुझे वहां से भला कैसे लेकर आऊंगा
बहन ने कहा -चंद्रभूषण पानी खींचने की प्रतियोगिता चल रही थी कोई विजेता खड़ा था, जिसका नाम भूल गया फिर अगले साल एक और चैंपियन गोखड़ करके लेकिन साफ-साफ दिखा दोनों बार कि पानी उनके आगे डेढ़ेक बा... Read more
प्रेमचंद की याद
हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक रूप देकर उसे आम जन के बीच लोकप्रिय बनाने का काम उनका बहुत ख़ास है. प्रेमचंद ने न सिर्फ विविध वि... Read more
सिंसूण अर्थात बिच्छू घास की कथा
मध्य हिमालय के उत्तराखंड में बसा पौराणिक मानसखंड कुमाऊँ मंडल तथा केदारखंड गढ़वाल मंडल जो अब उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक वन सम्पदा के लिये देश-विदेश में सदियों से प्रसिद्... Read more
माफ़ करना हे पिता – 2
(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता – 1) इसी कोठरी में मुझसे तीनेक साल छोटी बहन लगभग इतनी ही उम्र की होकर गुजर जाती है. उससे कुछ समय बाद, जब एक दोपहर पिता मुझे डॉक्टर के पास ले गये थे. बीमा... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 2
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 1) मेरे पहुँचते ही मुझे चाय मिल गयी. इस समय चाय से ज्यादा जरूरत हाथ-मुँह धोने के लिये ठंडे पानी की है इसलिये मैं प... Read more
फ़ीके रंग वाला फूल कितने आक्रामक लगते है ये चटख रंग. कांच के टुकड़ों की तरह आँखों में घुसे जाते हैं. गमलों में उगे कोमल और कृशकाय पौधों पर किसने इतने गहरे रंग के फूल उगा दिए? क्या जंगल में भी... Read more
खुद को जवाब दो लड़कियो और मिलकर नई राह ढूंढो
मैं तय करती हूं कि तुम मेरे सार्त्र बनने के लायक नहीं – मनीषा पाण्डेय वैसे इस सत्य से किसको इनकार है कि बहुसंख्यक हिंदुस्तानी मर्द निहायत सामंती, घटिया और मर्दवादी हैं. – ... Read more
सिटौला और घुघुता
वैसे तो ऊपर के चित्र में दिख रही चिड़ियां कुमाऊँ में बहुतायत से पाई जाती हैं और इनके कॉटेज मैना और स्पॉटेड डव जैसे आकर्षक अंग्रेज़ी नाम भी हैं लेकिन कुमाऊनी बोली में इन दोनों को ख़ास तरीकों से... Read more
माफ़ करना हे पिता – 1
सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष की उम्र तक पिता का रोल किसी घटिया अभिनेता की तरह निभाया मगर पूरे आत्म विश्वास के साथ. लेकिन म... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 1
रूपकुंड की रहस्यमयी झील के बारे में मैं बहुत किस्से सुने चुकी हूँ. खासकर की झील के चारों ओर बिखरे हुए नरकंकालों के बारे में पर अब मैं इन रहस्यों और किस्से कहानियों को अपनी नजरों से देखना चाह... Read more