परिंदे : निर्मल वर्मा की कहानी
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अँधेरे गलियार में चलते हुए लतिका ठिठक गयी. दीवार का सहारा लेकर उसने लैम्प की बत्ती बढ़ा दी. सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बैडौल... Read more
महाभारत के वनपर्व में उत्तराखंड
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree यह बात कोई नहीं जानता कि उत्तराखंड में तीर्थ यात्रा कब से चल रही हैं. धर्मशास्त्र, पुराण आदि के आधार पर यह कहा जा सकता है क... Read more
अराजक होने से कैसे बचे कांवड़ यात्रा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं के विभिन्न डिपो से दिल्ली जाने-आने वाली बसों का कांवड़ यात्रा के आगामी 28 अगस्त को अंतिम सोमवार होने के चलते गत 24 अ... Read more
पहाड़ के गावों में आये हैं महेश्वर भिना
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज आठूं है. आठूं पहाड़ के गावों में महेश्वर भिना के आने का दिन. गौरा दीदी को ससुराल लेने आये हैं महेश्वर भिना. सौं और धान क... Read more
पिछली कड़ी – छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : नैन बिछाए बाहें पसारे तुझको पुकारे देश तेरा हाथ में थामे कैमरा उस विहंगम दृश्यावली को मैंने खींच लिया जिसमें पंचचूली की पांच चोटियां दमक रहीं थीं. न... Read more
बादल फटना और भूस्खलन : प्राकृतिक या मानवजन्य आपदा?
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछले कुछ वर्षों से उत्तराखंड में बादल फटने की घटना से हुए जान-माल का अत्यधिक नुकसान एक दुखद अनुभव रहा. बीते एक दशक में बाद... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree देवभूमि उत्तराखण्ड अपने नाम के अनुरूप पग-पग पर देवालयों के लिए विख्यात है. यहां शैव, शाक्त व वैष्णव परम्परा का मिश्रित रूप... Read more
सातों-आठों में कही जाने वाली लोककथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं का लोक पर्व सातों-आठों अपने पूरे रंग में है. कुमाऊं के गांव अपने दीदी-भिना संग उत्सव मना रहे हैं. सातों-आठों लोकपर्व... Read more
पहाड़ में आज गमरा बनती है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree सिलगड़ी का पाला चाला, यो गाँव की भूमिया.फलुँ फूला लाला त्योलिया, यो गावें कि भूमिया. (Saton Festival Uttarakhand) इन दिनों... Read more
सृजन के शिखर पर गढ़वाली शार्ट फिल्म ‘पाताल-ती’
अच्छी फिल्म समीक्षा के लिए जरूरी है कि समीक्षक, खूब-सारी फिल्म देखता रहता हो. अपनी बात करूं तो सालों से कोई फिल्म देखी ही नहीं. ना थियेटर में और न ही किसी दूसरे माध्यम में. पिछली बार देखी फि... Read more