पहाड़ घूमने आ रहे हैं तो बिर्थी फॉल देखने जरूर जाएं
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से करीब 35 किलोमीटर दूर है बिर्थी जलप्रपात. अल्मोड़ा-मुनस्यारी मार्ग के रास्ते में पड़ने वाले तेजम से इसकी दूरी 14 किलोमीटर है. यहाँ पहुँचने का एक और र... Read more
जब कभी किसी राष्ट्रीय चैनल पर उत्तराखंड का कोई नेता दिखता है तो खुशी तो बहुत होती है. उत्तराखंड एक छोटा सा राज्य है इसलिये यहां से चुने जाने वाले अधिकांश लोकसभा सदस्य जमीनी नेता ही होते हैं.... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 37 (पिछली कड़ी: पहाड़ और मेरा जीवन – 36 :पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया) पिथौरागढ़ में डिग्री कॉलेज के बगल में सदगुरु निवास मेरे लिए चार साल तक निवास रहा। हमारे प... Read more
बिशन गुरु की मार और ईश्वर से चवन्नी की गुजारिश
जब मैं पहली बार शहर के स्कूल पहुँचा सन 1955 तक मैंने गाँव के स्कूल में पढ़ा जो चारों ओर से ऊँची-नीची पहाड़ियों से घिरे खुले पठारनुमा शिखर पर एक तपस्वी की तरह हर वक़्त हमारी आँखों के सामने मौजूद... Read more
हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख
कर्नल ठुस्सू कर्नल ठुस्सू – इनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता. सिवाय इनके हास्यास्पद नाम, पदनाम, पैनी नज़र और हिंदी बोलने के ढंग के, जो किसी भी गैर-हिन्दी भाषी व्यक्ति का हो सकता है. ज्... Read more
आदियोग फाउंडेशन वाली मानसी जोशी से मिलिए
देश भर में हाल के वर्षों में आई महिला जागृति की लहर उत्तराखंड में भी देखी जा सकती है. अनेक महिलाओं ने यहाँ स्वरोजगार के नए नए रास्ते निकाले हैं और न केवल स्वयं को स्वावलंबी बनाया है अपने आसप... Read more
सोशल मीडिया पर बीते एकाध दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है. (Uncontrolled Tourism in Kedarnath) पृष्ठभूमि में केदारनाथ धाम की गरिमामय छवि है और उसके ठीक पीछे हरे पहाड़ों पर बर्फ. वीडियो ऑन क... Read more
बुग्यालों से होते हुए मुनस्यारी तक का ट्रेक और पांगती मास्साब का म्यूजियम
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 2 पिछली कड़ी : बागेश्वर के गोगिना से नामिक गांव की यात्रा के बहाने पहाड़ का जन-जीवन सुबह नाश्ते में योगेश की फरमाइश पर पराठों का भोग लगाकर हम अपने अगले... Read more
1955-56 की एक काव्य संध्या में देव साहब ने नीरज को सुना. उनकी कविता उन्हें इतनी भायी कि उन्होंने नीरज के सामने सीधे प्रस्ताव रख डाला, अगर कभी फिल्मी गीत लिखने का मन हो, तो मैं आपके साथ काम क... Read more
फादर्स डे स्पेशल: मंगलेश डबराल की कविता
पिता की तस्वीर मंगलेश डबराल पिता की छोटी छोटी बहुत सी तस्वीरें पूरे घर में बिखरी हैं उनकी आँखों में कोई पारदर्शी चीज साफ चमकती है वह अच्छाई है या साहस तस्वीर में पिता खाँसते नहीं व्याकुल नही... Read more