सरुलि और चाहा केतलि
सरुलि चाहा केतलि बै निकलनैर वाल भाप कि एकटक देखण लागि रे छी. पटालनाक उच निच आंगन, एक कोण में माट लै लिपि चुल भै. जा में लाकड़ जल बेर धुं बण गयिं. बस लाकड़नक राख निशाणि तौर पर बच गयि. चाहा उब... Read more
लंबी देहर माइंसः हॉन्टेड प्लेस इन उत्तराखंड
“लंबी देहर माइंस” उत्तराखंड के मसूरी में स्थित एक ऐसी भूतिया जगह है जिसका इतिहास बहुत डरावना व काला है. इस जगह के नाम के बारे में बहुत ज्यादा भ्रम भी हैं. कुछ लोग इसे लंबी धार माइंस कहते हैं... Read more
दिनांक 29 सितंबर 23 को राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान देहरादून में विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम सेव हिमालय मुवमेंट और संवेदना ग्रुप देहरादून के स... Read more
अल्मोड़ा का नंदा देवी डोला – फोटो निबंध
उत्तराखंड की आराध्य देवी नंदा देवी का अल्मोड़ा का नंदा देवी मेला लोगों को एक सूत्र में पिरोता है इस साल के नंदा देवी मेले के अन्तिम दिन कल शाम 27 सितंबर 2023 को अल्मोड़ा में नंदा देवी का डोल... Read more
नैणीडांडा की सुरीली विपाशा
गढ़वाल के पूर्वी सीमांत विकास क्षेत्र नैणीडांडा की विपाशा ने अपने मधुर स्वर में उस लोकधुन को फिर से गुँजाया है, जिसे अस्सी के दशक में कालजयी संगीतकार, नरेन्द्र सिंह नेगी ने अपने लोक से तलाशा... Read more
चम्पावत बालेश्वर मंदिर का अनूठा शिल्प
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अलंकृत स्तम्भ युक्त हैं बालेश्वर, सहस्त्र शिव लिंगों से आवेष्टिथ स्वरूप में उनका दर्शन होता है तो नागपाश युक्त कालियावर्धन ... Read more
रानीखेत में नंदा अष्टमी का मेला
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree रानीखेत के कुनेलाखेत से लगे पखुड़ा गांव में नंदा अष्टमी का मेला प्रारंभ हो गया है. पिछले 75 बरसों से भी अधिक समय से लग... Read more
अल्मोड़ा में अपने जननायक को ऐसे याद किया गया
जननायक डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट की पांचवीं पुण्यतिथि पर अल्मोड़ा में उन्हें याद किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचल से हीमधारा कलेक्टिव की संस्थापक और पर्यावरण न्याय पर शोधकर्ता मांशी आशर... Read more
उत्तराखंड का अल्मोड़ा कई वर्षों से नंदा देवी का मेला हर्षोल्लास से मनाता आ रहा है. इस मेले मे आप अल्मोड़ा और कुमाऊँ के विभिन्न रंगों को देख सकते हैं और उनमें डूब सकते हैं.(Nanda Devi Mela 20... Read more
2013 की सर्दियों का वाक़या है. मेरे अन्तरंग मित्र दिवंगत सुनील शाह उन दिनों ‘अमर उजाला’ के कुमाऊँ संस्करण के सम्पादक थे. मोबाइल फोन को आए बहुत समय नहीं हुआ था. और कैमरे वाले मोबाइल तो और भी... Read more