बा-बा ब्लैक शीप में बा का मतलब
अपनी देशज भाषा, जिसे आप प्रतिदिन बोलते हैं, उसे जब किसी दूसरे को समझाते हैं तो एक दम भाषाविज्ञानी जैसी अनुभूति होती है. किसी ने हमसे पूछा कि ये ‘बा’ क्या है, जो बृज में बहुत प्रय... Read more
हम सब अपने आमा-बुबुओं के अपराधी हैं
ज्यादातर भारतीय घरों में बूढ़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं किया जाता. सम्मान तो छोड़ो उन्हें 2 वक़्त का भोजन तक इंसानी गरिमा के साथ नसीब नहीं होता. बूढों के नाम संपत्ति होने पर उनसे छल-छद्म कर... Read more
अक्सर बच्चे जब घूमने जाते हैं तो वह रोमांचकारी स्थानों पर बहुत खतरनाक स्थिति तक जाकर सेल्फी लेते हैं और अपने आप को अपने ग्रुप में कुछ अलग ही जिंदादिल साबित करते हैं. दुस्साहस की यह कोशिशें क... Read more
ये नयन डरे डरे
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-9 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
बेदिनी बुग्याल में ही मौजूद है हिन्दुओं का पवित्र धार्मिक स्थल बेदिनी कुंड, इसे वैतरणी भी कहा जाता है. इस कुंड का विशेष धार्मिक महत्त्व है. 11,004 फीट की ऊंचाई पर स्थित बेदिनी कुंड के पास ही... Read more
ज़रा भी सलीके के स्कूल में पढ़ चुके या ज़रा भी समझदार माँ-बाप वाले परिवार में पैदा हुए बहुत कम ऐसे लोग होंगे जिन्होंने अपने बचपन में ‘द लिटल प्रिंस’ को न पढ़ा हो! यह छोटी सी किताब अम... Read more
दिल्ली, मुम्बई, हल्द्वानी देहरादून और न जाने कितने महानगरों और बड़े नगरों में गर्मियों की छुट्टी खत्म होने को है. इन शहरों में स्कूलों की छुट्टी खत्म होने की वजह से महीने भर से बच्चों की आवा... Read more
पौड़ी के डीएम धीराज गर्ब्याल की पहल पर पांचवीं कक्षा तक गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार
पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की मुहिम रंग लायी और विषय विशेषज्ञों ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है. कल गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्... Read more
जैसे-जैसे आप पहाड़ चढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे ढाबों, भोजनालयों, रेस्टोरेंट्स का आकार छोटा होता जाता है. न सिर्फ उनका आकार बल्कि मैन्यू भी पहाड़ चढ़ते हांफ जाता है. दुर्गम क्षेत्रों में तो सब क... Read more
54,000 रुपये पकड़ो और चुपचाप हमारा कचरा उठाओ
एकाध करोड़ की नहीं यह पूरे 200 करोड़ रुपये की शादी थी. दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के गुप्ता परिवार ने उत्तराखंड सरकार के अनुरोध पर स्विट्ज़रलैंड जैसी जगहों के बजाय उत्तराखंड को... Read more