पूरा अपना ही है देहरादून : राजेश सकलानी की कविता
देहरादून निवासी युवा कवि राजेश सकलानी के पिछले कविता संग्रह पुश्तों का बयान का में कवि और उसकी कविता के बारे में हिन्दी के वरिष्ठ कवि और टिप्पणीकार असद ज़ैदी का कहना है: राजेश सकलानी की कविता... Read more
इस साल काफी मेहनत के बाद लौकी व कद्दू की बेल अच्छी हुई है. लौकी में बालमृत्यु दर बहुत ज्यादा है. मैंने किसी तरह की रसायनिक खाद व कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं किया. बड़ी मुश्किल से एक लौकी लगी.... Read more
डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की शरण में
चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह कायांतरण संभव था? कलबिष्ट की इसी परंपरा के अंश के रूप में आज से चौहत्तर साल पहल... Read more
अल्मोड़ा से छः किलोमीटर दूर कसारदेवी पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के यात्रियों-संगीतकारों-दार्शनिकों-अध्येताओं और साहित्यकारों को आकर्षित करता रहा है. 1960 के हिप्पी आंदोलन के द... Read more
उसके दामन की खुशबू हवाओं में है
हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद के बीच, थ्रिल- एक्शन-सस्पेंस का स्पाइसी मसाला. घनघोर रुमानियत, मेलोडियस सॉन्ग्स... Read more
मैं पहाड़ी हूं बेरीनाग के बिनवा की तरह जिसने कुछ दिन पहले बेरोजगारी के कारण नुवान खाकर जान दे दी. ग्रेजुएशन करने के बाद भी मामूली रोजगार के लिए भटक रहा था. मैं पहाड़ी हूं पुरानाथल के किसान स... Read more
जड़ी-बूटियों का गढ़ है उत्तराखंड
रामायण भारतीय जनमानस के दिमाग में गहरे बैठी है. बच्चे से लेकर बूढ़े तक अक्सर इसके उद्धरण देकर जीवन के गहरे सूत्रों को सिखाते हैं, जैसे रावण का नहीं टिका तेरा घंमड कितने दिन टिकेगा. सबसे लोकप... Read more
उत्तराखण्ड में पाई जाने वाली ढेरों वनस्पतियों में से ज्यादातर औषधीय गुणों से युक्त हैं. बीते समय में इनमें से कई का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए या उनसे बचने के लिए भी होता था. गाँव-... Read more
उत्तराखंड के लगभग सभी उन स्थानों पर जिन्हें सरकार पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण मानती है, पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन विभाग द्वारा एक नायाब कारनामा अंजाम दिया गया है. पर्यटकों की जानकारी बढ़... Read more
हाल-ए-दिल उनको सुनाना था सुनाया ना गया
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-11 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more