कुुमाऊं के ‘अर्जुन-अभिमन्यु’ जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ़ कारगिल की महाभारत लड़ी
18 सितम्बर 2000 की सुबह लेफ्टिनेंट हेमंत सिंह महर बिष्ट के नेतृत्व में सेना की एक टुकड़ी सीमा पर अपने कैम्प की ओर लौट रही थी. रात भर चले आपरेशन में यह टीम पाकिस्तान के तीन बंकरों को नेस्तनाब... Read more
(कारगिल विजय दिवस पर बीते बरस लिखा यह लेख, अफसोस जिन पंकज महर की ली गयी तस्वीर इस लेख में इस्तेमाल की गई, वे कोरोना का शिकार हो कर दुनिया से रुखसत हो गए. इन्द्रेश मैखुरी) -Kargil Vijay Diwas... Read more
नामिक गांव के शिक्षक भगवान सिंह जैमियाल
क़रीब साढ़े तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित नामिक ग्लेशियर से निकलने वाली जलधारा अपने साथ कई और धाराओं को समेट जब नामिक-कीमू गांव के पाँव पखारते हुए आगे बढ़ती है तो जैसे पल-पल अपनी सामर्थ्य... Read more
कुछ भी हमें परेशान क्यों करे
क्या यह संभव है कि कोई इंसान बिना परेशान हुए अपना पूरा जीवन गुजार ले? वह चाहे कोई भी हो. गरीब या अमीर. कोई भी. कुछ लोग समझते हैं कि अगर कोई अमीर है, तो उसे परेशान होने की क्या जरूरत. परेशान... Read more
जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
चौकोड़ी : जहां आप आकाशगंगाओं से बात कर सकते हैं
उत्तराखण्ड में अपने प्राकृतिक सौन्दर्य से आश्चर्यचकित कर देने वाली जगहों की कमी नहीं है. मसूरी, नैनीताल, कौसानी, कॉर्बेट पार्क आदि जगहें देश ही नहीं विदेशी सैलानियों के बीच भी काफी लोकप्रिय... Read more
द्रोणागिरी पर्वत में शक्ति पूजा
सात कुलपर्वतों में चौथे पर्वत के रूप में ‘द्रोणागिरि’ की मान्यता विष्णु पुराण में वर्णित है जहां इसे औषधि पर्वत की संज्ञा दी गई है :(Dronagiri Parvat Uttarakhand) कुमुदषचौन्नतश्च... Read more
कहानी जंगल की : एक शानदार दिन
पिछले सोमवार की बात है जब वाट्सएप स्टेट्स के माध्यम से मुझे पता चला कि एक बाघ सुबह रामनगर सिताबनी मार्ग पर कोसी की तरफ जाता हुआ दिखा है. देखने से ये वही बाघिन थी जो इस क्षेत्र में अक्सर नज़र... Read more
वर्तमान में अपने शौर्य और पराक्रम के लिए पहचानी जाने वाली कुमाऊँ रेजिमेंट की 21 बटालियनें हिन्दुस्तान की सीमाओं की सुरक्षा में जुटी हैं. 1788 में नवाब सलावत खां की सैन्य टुकड़ी के रूप में स्... Read more
पौधों से एक बुजुर्ग का अजब प्रेम
महानगरों के साथ ही अब तो पहाड़ों में भी जमीन गायब हो मकान ही मकान बनने लगे हैं. बहरहाल अब ये कोई नई बात नहीं है, हर कोई यह सब जानता ही है. पहाड़ों में तो खेती बंजर होती चली जा रही है. खेती क... Read more