अफ़गान बादशाह जो देहरादून में ‘बासमती चावल’ लाया
‘देहरादून की बासमती’ सुनते ही मुंह में खुशबू, मिठास और कोमल चावल के दानों के स्वाद से भर जाता है बशर्ते आपने कभी देहरादून का बासमती चावल खाया हो. जितना दिलचस्प स्वाद देहरादून की बासमती का है... Read more
वंशीनारायण मंदिर: उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर जो साल में केवल एक दिन खुलता है
वंशीनारायण का मंदिर चमोली जिले की उर्गम घाटी के पास स्थित है. उर्गम घाटी से करीब 12 किमी की पैदल दूरी पर स्थित हैं वंशीनारायण मंदिर. समुद्र तट से 12 हजार फीट की ऊंचाई ओअर स्थित है वंशीनारायण... Read more
बचपन की छवियाँ
इजा कहती हैं कि मैं जब पेट में था तो कभी स्थिर नहीं रहा. जब मैं नौ महीने बीत जाने पर भी पैदा नहीं हुआ तो घर में घबराहट शुरू हो गई. पिता जी कहा करते थे कि इस बार भागा की मतारी का बचना मुश्किल... Read more
1942 का साल था महिना अगस्त का. अंग्रेजों के खिलाफ़ विरोध की चिंगारियां अब गाँवों में विरोध की लपटों के रूप में साफ देखी जा सकती थी. कुमाऊं के आंतरिक क्षेत्रों में तेज होते विरोध के स्वर देखक... Read more
चरैवेति चरैवेति के संदेश से अभिप्रेरित था ‘प्रताप भैया’ का व्यक्तित्व: पुण्यतिथि विशेष
वर्ष 1975 के जनवरी माह की कोई तारीख रही होगी, सही से याद नहीं, लेकिन इतना अवश्य याद है कि वह शनिवार का दिन था. जाहिर है कि प्रताप भैया हर रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण पर निकल जाया कर... Read more
एक ऑटो चालक के क्रिकेटर बेटे की सच्ची कहानी
जानिए कैसे Power of Visualisation और अवचेतन मन की शक्ति से बनाई उसने अपनी सफलता की राह. विडियो ज़रूर देखें(Aakash Mishra) आज से करीब तीन साल पहले की बात है. कांदिवली में नवभारत टाइम्स का हेल... Read more
‘गिर्दा’ और हमारे सपनों का उत्तराखंड
गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौर के ऐसे जनकवि रहे कि जिनके जनगीतों ने आंदोलन में जान फूंक दी थी. गिर्दा सिर्फ जनकवि नहीं थे बल्कि एक शानदार वक्ता भी थे. लयबद्ध तरीके से गा... Read more
आखिर क्यों भूल गये हम ‘कालू महर’ को
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में उत्तराखण्ड के काली कुमाऊं यानि वर्तमान चम्पावत जनपद का अप्रतिम योगदान रहा है. स्थानीय जन इतिहास के आधार पर माना जाता है कि लोहाघाट के निकटवर्ती सुई-बिसुंग इलाके क... Read more
स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे
पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती हैं. मेरी आँखें घनी गहरी हरियाली से सजे जंगलों, दूर ऊँची बर्फ़ीली छोटी से तेजी से... Read more
दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार उत्तराखंड की ‘गर्तांग गली’ पर्यटकों के लिए खुली
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में स्थित गर्तांग गली हमेशा से पर्यटकों के बीच रोमांच का कारण रहा है. उत्तरकाशी जिले में स्थित गर्तांग गली भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की ऐतिहासिक गवाह ह... Read more