प्यारी दीदी एलिजाबेथ व्हीलर को भावभीनी श्रद्धांजलि
‘‘जीवन तो मुठ्ठी में बंद रेत की तरह है, जितना कसोगे उतना ही छूटता जायेगा. होशियारी इसी में है कि जिन्दगी की सीमायें खूब फैला दो, तभी तुम जीवन को संपूर्णता में जी सकोगे. डर कर जीना तो रोज मरन... Read more
ब्रेक लगाइए, अगले मोड़ पर प्रलय इंतज़ार कर रहा है
कहते हैं पहाड़ों पर गाड़ी चलाते मोड़ों पर हॉर्न का प्रयोग करें पर जिस तरह से इस साल हिमालयी प्रदेश उत्तराखंड ने मनुष्य द्वारा पर्यावरण के साथ करी गई छेड़छाड़ का नतीज़ा भयंकर आपदाओं के रूप मे... Read more
शब्द अथवा शब्दों के समुच्चय से कोई भाव या विचार बनता है. यदि मात्र एक शब्द से ही हम किसी भाव को अभिव्यक्त करने मे समर्थ हों, तो यह भाषा की बेहतरीन खूबी है. इस दिशा में दूसरी भाषाओं की अपेक्ष... Read more
द्वाली में फसे पर्यटकों का रेस्क्यू अभियान
पिंडर घाटी के द्वाली में फसे 42 देशी और विदेशी पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया गया है. लगभग 15 बंगाली पर्यटकों को पांच टैक्सियों के जरिए कपकोट लाया गया. जहां उनके नाम, पता आदि की जानकारी जुटाने... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में लेख काफल... Read more
‘जिस मकान पर आपके बेटे ने ही सही, बडे़ फख्र से ‘बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ की तख़्ती टांग दी थी, उसमें देवकी पर्वतीया का खून-पसीना लगा है. यह नाम कभी आपने ही उन्हें दिया था लेकिन नेम प्लेट पर अप... Read more
2/1 गोरखा राइफल्स के हवलदार दिलीप सिंह के घर 15 अगस्त 1914 को हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के मुख्यालय धर्मशाला में स्थित सल्ला धारी गांव, जिसे पेंशनर लाइन भी कहा जाता था, में उस सपूत ने जन... Read more
दर्दभरी खूबसूरत कहानी ‘सरदार उधम सिंह’
माइकल ओडॉयर को गोली मारने के बाद उधम सिंह को ब्रिटिश जेल में जिस तरह की यातनाएँ दी गई उसके बारे में सोचकर भी किसी की रूह काँप जाए लेकिन उधम सिंह मानो मौत का कफन बाँधकर ही ओडॉयर को मारने ब्रि... Read more
चालाक खरगोश ने हाथियों के झुंड को भगा दिया
एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था. झुंड के सरदार को गजराज कहते थे. वो विशालकाय, लम्बी सूंड तथा लम्बे मोटे दाँतों वाला था. खंभे के समान उसके मोटे मोटे पैर थे. जब वो चिंघाड़ता था तो सारा वन... Read more
‘वेश्या की लड़की’ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी
छाया, प्रमोद की सहपाठिनी थी. प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था. और छाया? छाया थी नगर की एक प्रसिद्ध नर्तकी की इकलौती बेटी. नगर में एक बहुत बड़ा राधाकृष्ण का म... Read more