सौला- रूपसा से मैं पूछती हूँ, इस घर में मैं भी कोई हूँ या नहीं? वे अपनी माँ का पक्ष कितनी जल्दी लेते हैं, जैसे सब कसूर मेरा ही रहता हो. मैं यह नहीं कहती कि वे अपनी माँ को घर से बाहर निकाल दे... Read more
‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले’ गीत को उत्तर भारत की शादियों का राष्ट्रीय विदाई गीत कहना गलत नहीं होगा. फिल्म नीलकमल के लिए साहिर लुधयानवी के लिखे इस गीत को मोहम्मद रफ़ी न... Read more
अस्पताल की कमी से जूझता उत्तराखण्ड का एक गांव
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया में ऐसा भी एक गांव है, जहां बीमार मरीज़ के पेट के दर्द को दूर करने के लिए लोहे की गर्म छड़ का इस्तेमाल किया जाता हैं. इसके अतिरिक्त कई... Read more
एक स्त्री की भारतीय गणतंत्र से खुली शिकायत
भारत को गणतंत्र बने सात दशक से ज्यादा हो गए. पर स्त्री का जो दिमाग रचनात्मकता में लगकर देश को और आगे पहुंचा सकता था वह सिर्फ खुद को बचाने की जुगत में खर्च हो जा रहा है. (Gayatree Arya Republ... Read more
इस्मत चुगताई की विवादित कहानी ‘लिहाफ’
जब मैं जाड़ों में लिहाफ़ ओढ़ती हूँ, तो पास की दीवारों पर उसकी परछाईं हाथी की तरह झूमती हुई मालूम होती है और एक दम से मेरा दिमाग़ बीती हुई दुनिया के पर्दों में दौड़ने भागने लगता है. न जाने क्... Read more
उत्तराखण्ड की सीमान्त जोहार घाटी में मिलम के करीबी गांव जलथ में रहने वाले प्रयाग रावत बचपन से ही हिमालय और प्रकृति के प्रेमी हैं. खुद को हिमालय पुत्र कहने वाले प्रयाग रावत के जीवन के शुरुआती... Read more
मो. सलीम: पहाड़ को आवाज देता चित्रकार
भारत के महान समकालीन चित्रकार मो. सलीम का बीते शनिवार को निधन हो गया, वो 83 साल के थे. भारत के मूर्धन्य चित्रकार मो. सलीम का जन्म 5 जुलाई 1939 में अल्मोड़ा के एक साधारण परिवार में हुआ था, उन... Read more
अगर आप बर्तन धोने जैसे नियमित काम को करते हुए भी अपनी सांस पर ध्यान दे सकते हैं, तो समझिए कि आपने जीवन के सार को पा लिया. ऐसा कहना था वियतनामी बौद्ध भिक्षु थिच नात हन का, जिनका 95 वर्ष की आय... Read more
आंचलिक साहित्यिक कृति ‘हम तीन थोकदार’
वर्ष 2020 में उम्र के पचहत्तरवें पायदान में कदम रखते तीन थोकदारों का यह किस्सा शुरू हुआ जिसके पीछे गाँव के बालक की वह कथा है, जिसमें वह मातृ विहीन हो दस साल की आयु तक अपने गोठ- घर में गुजार... Read more
अलविदा सलीम साहब
दिसंबर 2019 में हुई उस मुलाक़ात के पहले उनसे अठ्ठाइस बरस पहले मिला था जब वे पंतनगर विश्वविद्यालय में सेवारत थे. उन्होंने अपनी अनेक पेन्टिंग्स दिखाई थीं जिनमें से एक को मैं कभी न भूल सका. उस... Read more