उत्तराखंड में चुनाव का मौसम है, उत्तराखंड राज्य गठन के वक्त एक नारा हवाओं में तैरता था- आज दो अभी दो उत्तराखंड राज्य दो, मडुवा-झुंगरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे. राज्य गठन के बाद उत्तराखंड के... Read more
लता मंगेशकर ने जब बिना फ़ीस लिये गढ़वाली गीत गाया
भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का निधन हो गया है. 92 वर्ष की लता मंगेशकर बीते 8 जनवरी से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं. आठ दशक से भी अधिक समय से भारत की आवाज बनीं लता लता मंगेशकर ने 3... Read more
कुमाऊनी में सरस्वती वंदना
साल 2018 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें किसी पहाड़ी गवेर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज की लड़कियां स्कूल की सभा में एक प्रार्थना गा रही थी. कुमाऊनी बोल वाला यह गीत कुमाऊनी में सरस्वती वंदना थी जिसे... Read more
बनन में बागन में बगरो बसंत है! वसंत आ गया है. महाकवि पद्माकर लिख गए हैं- बनने में,बागन में, बगरो बसंत है! हां, आसपास पेड़-पौधों और फुलवारियों में सब जगह लाल, पीले, नीले, गुलाबी और बैंगनी फूल... Read more
हिमपात का इंतजार आमजन मानस के साथ ही पशुओं, पक्षियों के जीवन के वार्षिक प्रवास का हिस्सा भी है. इंसानों की तरह जानवरों को भी हिमपात का बेसब्री से इंतजार रहता है. आजकल पशुओं में सबसे ज्यादा ख... Read more
कुमाऊं में शोक व्यक्त करने के तरीके
हर समाज में किसी प्रियजन की मौत पर शोक व्यक्त करने के अपने तरीके हैं. इसी तरह कुमाऊं में इसके अपने तरीके हैं. यहॉ किसी की मृत्यु के दिन से बारह दिन का शोक मनाने की परम्परा है. बारहवें दिन पी... Read more
पहाड़ों में बसंत पंचमी से जुड़ी परम्परायें
बंसत पंचमी का दिन उत्तराखंड में सबसे पवित्र दिनों में एक माना जाता है. स्थानीय भाषा में इसे सिर पंचमी भी कहा जाता है. आज के दिन अपनी-अपनी स्थानीय नदियों को गंगा समझ कर स्नान किया जाता है और... Read more
उत्तराखंडी समाज में बसंत पंचमी का महत्व उसी तरह है जिस तरह मकरैणी यानी मकर संक्रांति का. पंचमी पर स्नान आदि का महत्व है और इस दिन लोग मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं. यह ऋतु पर्व ग्रामीण समा... Read more
उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’
बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’ कहने का भी खूब चलन है. जब फुर्सत हुई, दो-चार जने बैठे तो लगा दी क्वीड़. किस्सागोई त... Read more
उत्तराखंड की राजनीति में शराब
अभी दो दशक पहले तक की बात है उत्तराखंड के गावों में शराब पीने और बेचने वालों को महिला मंगल दल की महिलायें सिन्ने की झपाक लगाया करती थी. यह भी ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब आम लोगों द्वारा अल्... Read more