जगजीत सिंह ‘निशात’ वर्तमान में जयपुर में रहते हैं. पेंटिंग, गायकी का शौक रखने वाले जगजीत जी राजस्थान के ज़ियोलोजी विभाग से रिटार्यड हो चुके हैं. उनके गायन से संबंधित वीडियो CSamdar यूट्यूब च... Read more
बूढ़े पहाड़ों के बीमार अस्पताल
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर भी काफी ज़ोर दिया गया है. एक ओर जहां क्रिटिकल केयर अस्पताल खोलने की बात की गई है, वहीं 75 हज़ार नए ग्रामीण हेल्थ स... Read more
गौर्दा की कुमाऊनी कविता ‘झन दिया कुल्ली बेगार’
मुल्क कुमाऊँ का सुणि लिया यारो,झन दिया कुल्ली बेगार.चाहे पड़ी जा डंडै की मार,झेल हुणी लै होवौ तय्यार. तीन दिन ख्वे बेर मिल आना चार,आंखा देखूनी फिर जमादार.घर कुड़ि बांजि करि छोड़ि सब कार,हांक... Read more
मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसल
बाहर वालों को हमारी उस किस्म की गप्पें भी पसंद आयीं, जिनमें हम ऐसा जताते थे मानों गिनीज बुक आफ रिकार्ड में जा सकने योग्य सभी अद्भुत घटनायें और चीजें हमारे इलाके में होती हों. फर्ज़ कीजिये कि... Read more
खोल दो: सआदत हसन मंटो की कहानी
अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची. रास्ते में कई आदमी मारे गए. अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए. (Saadat Hasan Manto Khol Do) सुबह दस बजे कैंप की... Read more
‘साधो, करमगती किन टारी…’ – मिरदुला कानी, सीढ़ी के पथरौटे पर बैठी, मंजीरा कुटफुटा रही थी – ‘कोस अनेक बिकट बन फैल्यो, भसम करत चिनगारी… साधो…... Read more
बुर्क़े : सआदत हसन मंटो की कहानी
ज़हीर जब थर्ड ईयर में दाख़िल हुआ तो उस ने महसूस किया कि उसे इश्क़ हो गया है… और इश्क़ भी बहुत अशद क़िस्म का. जिस में अक्सर इंसान अपनी जान से भी हाथ धो बैठता है. (Story of Saadat Hasan... Read more
शराब, शिकार और नोट वाला वोट मैनेजमेंट
कहते हैं चुनावों के समय आखिरी समय जिसका मैनेजमेंट सबसे अच्छा होता है वही जीतता है. भारतीय चुनाव में ‘मैनेजमेंट’ का अर्थ देश काल परिस्थिति अनुसार बदलता है कहीं ‘मैनेजमेंट’ का अर्थ सामप्रदायिक... Read more
विकास का असमंजस, हरियाली की फिक्र
हरियाली को बनाए-बचाने की चिंता और साफ हवा में सांस लेने लायक का वायु मण्डल बनाने की कोशिश के संकेत जलवायु परिवर्तन को देश के विकास की चुनौती के रूप में देख रहे हैं. पिछले कई दशकों से पर्यावर... Read more
इस कहानी से सीखो सबक जिंदगी का
एक हिंदी फिल्म का गाना है – खुद के लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए…. जमाने के लिए न सही पर अपने करीबी मित्रों और परिवारजनों के लिए तो जीना बनता ही है. इस बात को हम एक कहा... Read more