यादों में जिन्दा रहेंगे भवाली के देवी मास्टर
झक्क सफेद, बादामी अथवा क्रीम कलर का लखनवीं चिकन का कुर्ता, नीचे सफेद पायजामा अथवा सुनहरे किनारे वाली चिट्ट सफेद धोती, जो तहमतनुमा लिपटी रहती, गले में तुलसी माला, पांव में चप्पल अथवा कपड़े का... Read more
पिछली सदी के साठ का दशक वह दौर था, जब शिक्षा का मतलब केवल शिक्षा होता था, शिक्षित होकर ओहदा पाने का सपना हमें कम ही दिखाया जाता था. अधिकांश अनपढ़ अथवा साक्षर अभिभावकों को न करियर काउन्सिलिं... Read more
उद्यानिकी के क्षेत्र में ग्राफ्टिंग टैक्नीक (कलम बन्दी विधि) कोई नया प्रयोग नहीं है, वर्षों से उद्यानों में इस विधि से उन्नत किस्मों के पौधों की ग्राफ्टिंग कर फलों की गुणवत्ता में सुधार वर्ष... Read more
हमारे बचपन में अभावों का भी बढ़ा भाव था
नोस्टालजिया का झरोखा तो सुकून देता ही है जनाब! चाहे वह कितना ही अभावों भरा क्यों न हो. लेकिन सच कहें तो हमारे बचपन में अभावों का भी बढ़ा भाव था. विलासिता की चीजों से दूर हम अपनी खुशियां कुदर... Read more
डॉ. राम मनोहर लोहिया जन्मदिन विशेष
स्वातंत्रोत्तर भारत में समाजवाद विचारधारा को धार देने में आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण अग्रणी थे, यद्यपि उस दौर में इस आन्दोलन में मधुलिमये, मधु दण्डवते, जॉर... Read more
द्वार पूजा का पर्व भी है फूलदेई
उत्तराखण्डियों का बालपर्व – फूलदेई सनातनी संस्कृति में घर का द्वार केवल घर में प्रवेश करने का रास्ता न होकर वन्दनीय पूजनीय माना जाता है. घर बनाते समय द्वार की दिशा का निर्धारण वास्तुशा... Read more
महज एक टूरिस्ट डेस्टिीनेशन नहीं है नैनीताल. कुदरत ने तो इसे तराशने में संजीदगी बरती ही है, लेकिन शहर की और सारी खूबसूरतियां भी हैं जो इसे दूसरे शहरों से अलहदा करती हैं. यही कारण है कि जो नैन... Read more
अरे! तुम तो एक हफ्ते में निबटा देने वाले ठैरे ‘वैलन्टाइन डे’ का जश्न, हमारे टैम पर तो सालों भी लग जाने वाले हुए ‘वैलेन्टाइन डे’ के इन्तजार में. किसम-किसम की सेरेमनी और रिचुवल्स होने वाले हु... Read more
अतीत में बहुत स्वावलम्बी था हमारा पहाड़ी जनजीवन
कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. मानव सभ्यता ज्यों-ज्यों विकास के सोपान चढ़ती गयी, वैज्ञानिक सोच और तकनीकी कौशल ने हमारी जिन्दगी आसान तो जरूर बना दी, लेकिन शारीरिक श्रम के प्रति ह... Read more
ऐसे बनायें घर पर ही शुद्ध पिठ्या
हिन्दू परिवारों में कोई उत्सव हो अथवा पारिवारिक रस्म, पिठ्या (रोली) के बिना रस्म पूरी नहीं होती. अमूमन लोग बाजार से लाये गये पिठ्या का ही उपयोग करते हैं. बाजार से खरीदे जाने वाले पिठ्या में... Read more