दुनिया में पोर्नोग्राफी पूरी तरह खत्म होनी चाहिए
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – इक्कीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: मां और खुशबुओं के बेर मैं अभी कई सवालों से जूझ रही हूं मेरे बच्चे. जाहिर है इन भयानक दिमागी उलझनों से तुम भी... Read more
मां और खुशबुओं के बेर
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: इस दुनिया में असंख्य लोग भूखे जी रहे हैं इस वक्त रात के सन्नाटे में मैं अकेली जगी हूं मेरी जान. नींद नहीं आ रही थी सो मैं प... Read more
इस दुनिया में असंख्य लोग भूखे जी रहे हैं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – उन्नीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: मातृत्व के महिमामंडन का जबर्दस्त दबाव प्रेग्नेंट महिलाओं पर रहता है मेरे बच्चे! तुम्हें दो महीने मेरे भीतर आए हुए, अपनी... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – अट्ठारहवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: भ्रूण संभवतः दुनिया की सबसे मजबूत और शक्तिशाली नींव है काफी दिनों बाद आज का दिन रहा जब मुझे उल्टी नहीं हुई. उल्टी की से... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – सत्रहवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: अच्छे दोस्त जिंदगी की सबसे बड़ी नेमत होते हैं तुम्हारी उपस्थिति मेरे भीतर दर्ज होने लगी है मेरी बच्ची! 18-19 दिसम्बर तक म... Read more
अच्छे दोस्त जिंदगी की सबसे बड़ी नेमत होते हैं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – पंद्रहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: लड़कियां चाहे बच्चे जनती मर जाएं, खानदान का झंडा लड़के ही उठाएंगे नया साल शुरू हो गया, साल 2009, तुम्हारे लिए ये नया सा... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – चौदहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चा पैदा करने का अंतिम निर्णय सिर्फ और सिर्फ मां का होना चाहिए क्या मुझे तुमसे छिपाना चाहिए मेरे बच्चे, कि हम... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – तेरहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: इंसान के बच्चे को मारकर खाने से कम क्रूर है पशु को मारकर खाना? पिछले कई दिनों से मैं परेशान और उलझन में थी, मुझे पीरियड्स... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बारहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चे कैसे जिएंगे हिंसक होते जा रहे समाज में पैदा होने के बाद तुम्हें पता चलेगा मेरी जान कि मैं मांस नहीं खाती, तुम्हारे... Read more
बच्चे कैसे जिएंगे हिंसक होते जा रहे समाज में
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – ग्यारहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: कुदरत और संगीत का मरहम सारी दुनिया में फैला पड़ा है मेरे बच्चे! जिस बात का डर था वही हुआ. मैं नहीं चाहती थी कि तुम्हारे... Read more