गढ़वाली चित्र शैली के प्रमुख आचार्य, कुशल राजनीतिज्ञ, कवि, इतिहासकार मौलाराम का उत्तराखण्ड के इतिहास में अद्वितीय, अविश्वमरणीय योगदान है. इनको सर्वप्रथम प्रकाश में लाने का... Read more
पिछली कड़ी : पिथौरागढ़ जिले का नामकरण प्रथमतः पिथौरागढ़ के नामकरण को पढ़ने के बाद अब उसकी प्राचीनता की ओर बढ़ते हैं. पिथौरागढ़ को सोर घाटी कहा जाता है यहां यह जान लेना भी उचित होगा कि आखिर ये... Read more
अभी हाल ही में भारतीय संविधान को दोहरा रहा था तो अनुच्छेद 350 ‘क’ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देखते ही मेरे मन में वर्षों से घर कर रहा एक सवाल हिचकोले खाने लगा सवाल था कि मेरी मातृभाषा क्या... Read more
24 फरवरी 1960 को जिले के रूप में अस्तित्व में आये दो देशों से सीमा बनाने वाला क्षेत्र पिथौरागढ़ अपनी प्राचीन सभ्यता को समेटे अग्रसर है. देवभूमि वैसे तो अपनी खूबसूरत वादियों के लिये जगतविख्या... Read more