डुगडुगी की गड़गड़ाहट हवा में बुलंद हुई तो बाजार की सड़क पर गुज़रते राहगीरों का ध्यान अनायस ही उस ओर खिंचता चला गया जहाँ से गड़गड़ाहट की आवाज आ रही थी. डुगडुगी की गड़गड़ाहट का स्रोत एक उम्र द... Read more
इंद्रू : जिसे प्रकृति ने लोहे और पत्थरों की सख्ती से निपटने के लिए ही पैदा किया
जहाँ हमारे गाँव की हद खत्म होती है वहीं पर एक जमाने में इंद्रू सुनार की लोहे गलाने की भट्टी हुआ करती थी. इंद्रू केवल नाम भर का सुनार था, काम तो वो खेती किसानी, पशुपालन और रोजमर्रा के घरेलू क... Read more
चुनाव हार जाने और सत्ता छिनने के बाद गैरसैण प्रेम जाग जाता है हमारे नेताओं का
मेरा गाँव वैसे तो तीन दशकों से पीने के पानी जैसी बुनियादी जरूरत की किल्लत झेल रहा है लेकिन पिछले दस सालों के दौरान मेरे गाँव की एक बड़ी आबादी को सरकारी पाईप लाईन से पानी मिलना लगभग बंद हो चु... Read more
महाराष्ट्र की डेमोक्रेसी और अमरू मडवाण के बैल
महाराष्ट्र में सत्ता प्रकरण से संबधित तेजी से बदल रहे घटनाक्रम से मजा ले रहे सोशल मीडिया के सुधी जनों की पोस्टों और टिप्पणियों को देखकर मुझे अपने गाँव का मरहूम शख्स अमरू मडवाण याद हो आता है.... Read more
भले ही देश आर्थिक उदारीकरण के लिए सरदार मनमोहन सिहं और नब्बे के दशक को याद रखता हो लेकिन मेरे पिताजी परिवार के हित में ऐसी कोशिश उससे भी पाँच बरस पहले भैंस खरीदकर कर चुके थे. पिताजी जब भैंस... Read more
पिंडारी से पार पहुँचता महानगरों का उत्सर्जन : एक जोखिम भरी यात्रा का लंबा रोमांचक वृत्तान्त
विगत 9 सितंबर को भारतीय पर्वतारोहण से मिस्टर पाणिग्रही का फोन आया, बताने लगे कि आगामी 14 सितंबर से 5 अक्टूबर तक चलने वाले हाई अल्टिट्यूड पिंडारी – मिलम ग्लेशियर क्षेत्र में चलने वाले ख... Read more
जौनसार बावर में स्त्री
दिल्ली में रहते हुए सुदूर पहाड़ के गाँव के रिश्तेदारों को निभाना एक दुरुह काम है. सगे संबंधी हमेशा इस आस में रहते है कि गाँव में रहने वाले खेतिहर और पशुचारक की मजबूरी तो एक बार को समझ में आ भ... Read more
इंटरनेट और सोशल मीडिया के अस्तित्व में आने के बाद से जौनसार बावर में गीत गाने वालों की बाढ़ सी आ गयी है. गीत गाना और उन्हें रचना अपने आप में एक कलात्मक अभिव्यक्ति है. गीत गाने या रचने वाले से... Read more
सफ़रनामा: अतीत के रास्ते
उस साल फ़रवरी के महीने में चकराता से लोखण्डी तक गाड़ी में, और वहाँ से गाँव तक पैदल सफ़र काफ़ी रोमाँचकारी रहा. एक पिक-अप गाड़ी वाला, जो चकराता से लोखण्डी जा रहा था, बड़ी मान-मनौव्वल के बाद पीछे ख़ुल... Read more
आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली
पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय श्रेत्र जौनसार बावर और हिमाचल के सिरमौर जिले लाधेई क्षेत्र के कुछ गावों में यह ठीक... Read more