पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 2 मां आस-पास की ऐसी औरतों को जानती थी, जिन्होंने खुद भी गाय पाली हुई थीं. ये सभी महिलाएं आपस में मिलकर घास का कोई पहाड़ खरीद लेतीं और फिर मिलकर घास काटने जात... Read more
(पिछली क़िस्त का लिंक: पहाड़ और मेरा बचपन – सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम) मेरी दूसरी स्मृति एक सांप की उलटी पड़ी लाश से जुड़ी हुई है. हमारे अहाते से एक रास्ता ऊपर जंगल से सटकर जाती मुख्य... Read more
[देश के प्रमुख पत्रकार-संपादकों व लेखकों में गिने जाने वाले सुन्दर चंद ठाकुर मूलतः जिला पिथौरागढ़ के एक छोटे से गाँव खड़कू भल्या के रहने वाले हैं. सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत कुछ वर्ष न... Read more
गृहविज्ञान -सुन्दर चंद ठाकुर वे कौन सी तब्दीलियां थीं परंपराओं में कैसी थीं वे जरूरतें सभ्यता के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं गृहविज्ञान आखिर पाठ्यक्रम में क्यों शामिल हुआ. ऐसा कौन सा था घर का व... Read more
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में ज... Read more
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में ज... Read more