रामनगर में दुनिया का सब से बड़ा नाट्य उत्सव
‘वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम’ की टैगलाइन के साथ दुनिया के सबसे बड़े नाट्य महोत्सव का 24वां संस्करण एक फ़रवरी से देश के 15 शहरों में आयोजित किया जा रहा है. भारंगम-24 के दौरान देश के... Read more
उत्तराखण्ड के 2 गायक कोक स्टूडियो भारत सीजन-2 में अपने सुरों का जादू बिखेरने जा रहे हैं. पहली हैं खांटी कुमाऊनी लोक गायिका कमला देवी और दूसरे हैं संगीतकार, गिटारिस्ट और सुरीले गायक दिग्विजय... Read more
नाटक: ‘बड़े भाई साहब’ की झलकियाँ
मैं पढ़ रही हूं, क्या?नहीं पता.क्यों? ये भी नहीं पता.मगर मैं पढ़ रही हूं. (Glimpses Bade Bhai Saheb) कुछ ऐसे ही सवाल जो हर समय काल में हर विद्यार्थी के मन में उठते हैं और जिनके जवाब वह ढूंढन... Read more
एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी के अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष निलोफर अख्तर अंतर्राष्ट्रीय सेमीनारों में हिस्सेदारी करने विदेश जाती ही रहती हैं. ऐसे ही विदेश दौरों में उनकी मुलाक़ात हुई अप... Read more
इस साल मार्च में ‘रमोलिया हाउस की शुरुआत ‘कलर्स ऑफ होप’ चित्रकला प्रदर्शनी से हुई थी. इस प्रदर्शनी में उत्तराखण्ड के 10 युवा फाइन आर्टिस्टों की कला को प्रस्तुत किया गया था. प्रदर्शनी की लोकप... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree धारचूला की चौदांस घाटी रहने वाले रं संस्कृति के लोग हर बारहवें बरस कंग्डाली का त्यौहार मनाते हैं.(Kangdali 2023 Photos... Read more
मेरे बुबू के क़िस्से
अपने पैरों को बड़ों के जूतों में डालते हुए मैं रेजर पर हाथ आजमाने के बारे में सोचता. मै समझने लगा था कि चाचा चौधरी और विक्रम-बेताल की कॉमिक्स बस दिल बच्चों का दिल बहलाने के लिए हैं. यह भी कि... Read more
फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. उत्तराखण्ड के पहाड़ की तलहटी पर कुछ बसावटें कस्बे के सांचे में ढल रही थी. ये कस्बे तिजारत के अड्डों से ज्यादा कुछ नहीं थे. इनमें ज्यादातर पहाड़ी लोग ही आ बसे थे... Read more
उत्तराखण्ड के बीहड़ गाँव से दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी तक ज्योति का सफ़र
उत्तराखण्ड के सीमांत जिले चमोली का एक छोटा सा कस्बा है देवाल. देवाल आसपास के गाँवों का ब्लॉक मुख्यालय तो है ही, यह सबसे लम्बी दूरी की हिमालयी यात्रा ‘नंदा राजजात’ का अहम् पड़ाव भी है. यही दे... Read more
आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर काट रही होतीं, उनके परिजन मिन्नतें कर रहे होते. संस्कृति विभाग से मिलने वाली मामूली पेंशन का 6 महीने तक इन्तजार कर रही होतीं.... Read more