धारचूला की बेटी सुमन कुटियाल दताल की एवेरेस्ट विजय
“ऊपर की ओर देखा तो सामने सागरमाथा की चोटी थी. मन में हिलोर सी उठी कि दौड़ कर जाऊं और सागरमाथा मां के चरण छू उनसे आशीर्वाद लूँ. पूछूँ उनसे कि माँ अब तक तुम कहाँ थी? आज अभी वह दिन आया जब... Read more
अब आदि कैलास की मोटर यात्रा
पिथौरागढ़ सीमांत में लिपुलेख तक जाने वाला पथ न केवल आदि कैलास व कैलास-मानसरोवर यात्रा के कारण बल्कि चीन की सीमा की समीपता से वर्तमान परिस्थितियों में सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्पूर्ण बन जात... Read more
जलवायु परिवर्तन की रपट
आईपीसीसी अर्थात “इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज” की चिरप्रतीक्षित रपट के जारी होने से विश्व भर में जलवायु परिवर्तन के खतरों में कहीं बाढ़ के खतरे बढ़ने तो कई देशों के भयावह... Read more
शिव के प्यारे नाग
नाग नागिन का संसार बड़े रोचक आख्यानों से भरा पड़ा है. उत्तराखंड में नागपूजा आदिकाल से ही प्रचलित मानी गई. लोक मान्यता है कि जब ब्रह्मा जी ने कुपित हो कर नागों को श्राप दिया तो नाग पुष्कर पर्... Read more
पहाड़ की सड़कों में विस्फोटक पर रोक
बरसों से पहाड़ में सड़क बनाने में रास्ते में आती चट्टानों की बाधा को दूर करने के लिए डायनामाइट का बेरोकटोक इस्तेमाल किया जाता रहा. इसके खतरे के प्रति नामचीन और पहाड़ के भूगर्भ की पड़ताल कर च... Read more
जब पिथौरागढ़ के लोगों ने पहली बार फिल्म देखी
1930 के दशक में पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ कस्बे में पहला रेडियो लाए धनी लाल और फिर दिखाया सोर वासियों को सिनेमा. मार्च 1932 की 27 तारीख को धनी लाल न्यूयार्क रेडियो कंपनी से इको कोलस्टर ब्रांड के... Read more
विकास का असमंजस, हरियाली की फिक्र
हरियाली को बनाए-बचाने की चिंता और साफ हवा में सांस लेने लायक का वायु मण्डल बनाने की कोशिश के संकेत जलवायु परिवर्तन को देश के विकास की चुनौती के रूप में देख रहे हैं. पिछले कई दशकों से पर्यावर... Read more
‘चाकरी चतुरंग’ की समीक्षा
बहुत सारे मुखौटे हैँ एक दूसरे से अलग -थलग. सबकी सोच भी जुदा-जुदा सी. इनके पीछे छिपे चेहरे व्यवस्था की बागडोर संभालते हैं. चाकर हैं तो सबकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं कुछ मान्यताओं और संकल्पनाओं... Read more
आंचलिक साहित्यिक कृति ‘हम तीन थोकदार’
वर्ष 2020 में उम्र के पचहत्तरवें पायदान में कदम रखते तीन थोकदारों का यह किस्सा शुरू हुआ जिसके पीछे गाँव के बालक की वह कथा है, जिसमें वह मातृ विहीन हो दस साल की आयु तक अपने गोठ- घर में गुजार... Read more
उत्तराखंड में कृष्ण वर्णा यमुना
यमुना या कालिंदी हिमालय के तीन शिखर समूह -श्रीकंठ, बंदरपूंछ अवं जमुनोत्री कांठे के विस्तार में पसरे हिमनद यमुनोत्तरी से निकलती है जो पांच किलो मीटर की लम्बाई में विस्तृत है. पहले इसमें तीन ध... Read more