स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे
पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती हैं. मेरी आँखें घनी गहरी हरियाली से सजे जंगलों, दूर ऊँची बर्फ़ीली छोटी से तेजी से... Read more
फूलों की घाटी: फोटो निबंध
गढ़वाल हिमालय में सीमांत जनपद चमोली में बद्रीनाथ धाम से बीस किलोमीटर पहले पूर्व की ओर गोविंद घाट बस्ती है. यहाँ से 17 किलोमीटर दूर पैदल चल 3658 मीटर की ऊँचाई पर हिम मंडित उपत्यका से सम्मोहि... Read more
जौनसार की दैवीय चिकित्सा
गढ़वाल हिमालय के देहरादून जिले में कालसी और चकराता ब्लॉक में निवास करती है जौनसारी जनजाति जो पांडवों को अपना पूर्वज मानती है. पांडवानी संस्कृति की छाप यहाँ के सामाजिक जीवन में देखी जाती है.... Read more
द्रोणागिरी पर्वत में शक्ति पूजा
सात कुलपर्वतों में चौथे पर्वत के रूप में ‘द्रोणागिरि’ की मान्यता विष्णु पुराण में वर्णित है जहां इसे औषधि पर्वत की संज्ञा दी गई है :(Dronagiri Parvat Uttarakhand) कुमुदषचौन्नतश्च... Read more
उत्तराखंड में नाग गढ़पतियों की पूजा
उत्तराखंड में नागों का प्रभाव शिव पूजा में भी प्रबल रहा. ब्रह्मा ने नागों को शाप दिया तो नागों ने पुष्कर पर्वत पर शिव शम्भू की प्रार्थना कर उन्हें प्रसन्न तो किया ही उनके कंठ के हार भी बने .... Read more
मेहनतकश पहाड़ियों के घट
मिट्टी-पत्थर-पेड़-घास-पानी-धारा-गूल से लिपटा पहाड़. तलाऊँ और उपराऊँ के सीढ़ीदार खेत. सेरे भी जहां साल में दो बार अन्न उगता. ऊँची पहाड़ियों से चूता-टपकता पानी, जो नीचे आने की ठौर में,कहीं धार... Read more
पहाड़ में मौसम की जानकारी के लोक विश्वास
पहाड़ में मौसम के बारे में जानकारी किसम-किसम के लोक विश्वास के हिसाब से लगायी जाती. सूरज की गति के उत्तरायण होने दक्षिणायन होने, साल भर में नियत पैटोँ में मनाई गई संक्रांति के साथ धूप कब तेज... Read more
जाड़ इलाके की नमकीन चहा ‘ज्या’
उच्च हिमालय और सीमांत के इलाके में उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री मार्ग में पसरी है भैरोघाटी. भैरो घाटी से ऊपर पश्चिमी इलाके कारछा, हिण्डोली और निलांग गाँव हैं. इस जिले को च्छोङ्गसा कहते हैं. स्थ... Read more
सीमांत हिमालय के अनवाल
गोरा रंग पीला पड़ा हुआ. धूप में तपा भी, ठंड से सिकुड़ा भी. हवा के थपेड़ों से सिर में भूरे बाल आपस में उलझे. छोटी तिरछी भूरी आँखें हैं.उभरी हुई दिखती भूरी पलकें. चौड़ाई लिया माथा जिन पर कई लक... Read more
बद्रीनाथ भगवान ज्यू की कथा
बद्रीनाथ जहां स्वर्गीय वृक्षों से पुष्पराशि झरती है. जहां सीमांत के अंतिम गाँव की कौमारिकायें मंगल गान करती हुई आराध्य को घृत कम्बल पहनाती हैं. जहां शीतकाल में देवता धरती से उतर कर नारद के स... Read more