यह हम सबकी चुगली है
मोहिनी, यह तुम्हारी घात नहीं है -नवीन जोशी तुमसे विनती है कि तुम, जो इसे पढ़ोगे, यही सोचना कि मैं उसकी ‘घात’ (शिकायत) नहीं कह रहा हूँ. अब तक सम्भाल कर रखी गई मेरी डायरी में उसका कहा लिखा है-... Read more
माता महेश गिरि
मोहिनीदी से फिर मुलाकात की उम्मीद कम होती जा रही है. अब कहां भेंट होगी! हमसे गांव कबके छूट गया. वह भी क्या करने जाएगी गांव. उसकी ईजा, हमारी जेड़जा, जिंदा थी तो वर्षों में कभी एक चक्कर लगा लेत... Read more
वीरेन्द्र डंगवाल : कविता और जीवन में सार्थक भरभण्ड -नवीन जोशी गरुड़ बटी छुटि मोटरा, रुकि मोटरा कोशिअघिला सीटा चान-चकोरा, पछिला सीटा जोशि हमारी गाड़ी कोसी पहुंची ही थी कि मेरे मुंह से बचपन में... Read more
लखनऊ में बर्लिंगटन चौराहे से केसरबाग को जाने वाली सड़क पर ओडियन सिनेमाघर से कुछ आगे, बाएं हाथ की तरफ कालीबाड़ी नाम का पुराना मुहल्ला है. वहां काली का पुराना मंदिर होने से यह नाम पड़ा. कालीबाड़ी... Read more
इस बार मण्डल के साथ कमण्डल
लगभग तीन दशक बाद ‘मण्डल-राजनीति’ का नया दौर शुरू हुआ है. रोचक बात यह है कि इस बार वही भारतीय जनता पार्टी इसकी जोरदार पहल कर रही है जिसकी ‘कमण्डल-राजनीति’ की काट के लिए 1990 में तत्कालीन प्रध... Read more
दिल ढूंढता है फिर वही नैनीताल एक्सप्रेस
सन 2016 के शुरुआती महीनों में लखनऊ से छोटी लाइन की ‘नैनीताल एक्सप्रेस’ ट्रेन पूरी तरह बंद होने की खबर पढ़कर यादों का पिटारा खुला तो खुलता ही चला गया था. बचपन के दिन. हर साल 20 मई को हमें स्कू... Read more
हम उन्हें राम भाई कहते थे. “राम भाई,” मई 2011 में एक दिन मैंने उन्हें फोन किया था- “साबरी ब्रदर्स की कव्वाली करा रहे हैं, आप जरूर आएं.” “माई प्लेजर” उन्होंने कहा था. वे आए. उस कार्यक्रम में... Read more